517 प्रगति करने के लिए हर चीज़ में सत्य की खोज करें
1 यदि परमेश्वर तुम्हारे लिए विशेष परिवेशों, लोगों, चीज़ों और वस्तुओं की व्यवस्था करता है, यदि वह तुम्हारी काट-छाँट और तुम्हारे साथ व्यवहार करता है और यदि तुम इससे सबक सीखते हो, यदि तुमने परमेश्वर के सामने आकर सत्य की तलाश करना सीख लिया है, अनजाने में, प्रबुद्ध और रोशन हुए हो और तुमने सत्य को प्राप्त कर लिया है, यदि तुमने इन परिवेशों में बदलाव का अनुभव किया है, पुरस्कार प्राप्त किए हैं और प्रगति की है, यदि तुम परमेश्वर की इच्छा की थोड़ी-सी समझ प्राप्त करना शुरू कर देते हो और शिकायत करना बंद कर देते हो, तो इन सबका मतलब यह होगा कि तुम इन परिवेशों के परीक्षण के बीच में अडिग रहे हो, और तुमने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इस तरह से तुमने इस कठिन परीक्षा को पार कर लिया होगा।
2 जो लोग इम्तिहान में खरे उतरते हैं, उनका हृदय सच्चा होता है, वे इस तरह के कष्ट सहन कर सकते हैं और गहराई में, वे सत्य से प्रेम करते हैं और सत्य को चाहते हैं। अगर परमेश्वर का तुम्हारे बारे में ऐसा आकलन है, तो इसका अर्थ है कि तुम्हारा कद आध्यात्मिक है, तुममें जीवन है। और यह जीवन कैसे प्राप्त हुआ है? यह परमेश्वर द्वारा प्रदत्त है; स्वयं परमेश्वर तुम्हें खिलाने के लिए तुम्हारे लिए भोजन का पात्र लाकर उसे तुम्हारे मुँह से लगा रहा है; फिर, जब तुम खा चुकते हो, तुम संतुष्ट महसूस करते हो और मज़बूती से खड़े हो सकते हो। परमेश्वर से आने वाली हर चीज़ के प्रति समर्पित होने का यही अर्थ है।
3 तुम्हारी मनोदशा और रवैया ऐसा ही होना चाहिए, और तुम्हें सत्य की खोज करना सीखना चाहिए। तुम्हें अपनी परेशानियों के लिए लगातार बाहरी कारण नहीं खोजने चाहिए और न ही दूसरों को दोष देना चाहिए; तुम्हें परमेश्वर की इच्छा की स्पष्ट समझ होनी चाहिए। बाहर से, ऐसा लग सकता है कि कुछ लोगों की तुम्हारे बारे में धारणाएं हैं या पूर्वाग्रह हैं, लेकिन तुम्हें इस रूप में चीज़ों को नहीं देखना चाहिए। अगर तुम त्रुटिपूर्ण दृष्टिकोण से चीज़ों को देखोगे, तो तुम केवल बहाने बनाओगे और तुम कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकोगे। तुम्हें चीज़ों को वस्तुगत और न्यायसंगत ढंग से देखना चाहिए; इस तरह, तुम सत्य को खोज सकोगे और परमेश्वर की मंशा को समझ सकोगे। जब तुम्हारे दृष्टिकोण और मनोदशा का परिशोधन हो जाएगा, तब तुम सत्य को प्राप्त कर सकोगे।
—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, सत्य प्राप्त करने के लिए अपने आसपास के लोगों, मामलों और चीज़ों से सीखना चाहिए से रूपांतरित