249  अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य

1 परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा को परिवर्तित करने, उसकी रूह को बदलने के लिए इस प्रकार किया जाता है कि बहुत बड़ा आघात सह चुके उसके दिल को बेहतर बनाया जा सके और इस प्रकार उसकी उस आत्मा को बचाया जा सके जिसे बुराई द्वारा अत्यंत गंभीर रूप से हानि पहुंचाई गई है; इसका उद्देश्य लोगों की आत्मा को जगाना है, उनके उदासीन दिलों को पिघलाना है और उनका कायाकल्प होने देना है। यही परमेश्वर की सबसे बड़ी इच्छा है। मनुष्य का जीवन और उसके अनुभव कितने ऊँचे या गहरे हैं, इसकी बात करना छोड़ दो; जब लोगों के हृदय जाग्रत कर दिए जाएँगे, जब उन्हें उनके सपनों से जगा दिया जाएगा और वे बड़े लाल अजगर द्वारा पहुँचाई गई हानि से पूरी तरह से अवगत हो जाएँगे, तो परमेश्वर की सेवकाई का काम पूरा हो जाएगा। परमेश्वर का कार्य पूरा होने का दिन वह दिन भी है जब मनुष्य आधिकारिक तौर पर परमेश्वर पर विश्वास की सही राह पर चलना शुरू करेगा। इस समय, देहधारी परमेश्वर का कार्य पूरी तरह समाप्त हो चुका होगा, और मनुष्य आधिकारिक तौर पर उस कर्तव्य को निभाना शुरू कर देगा, जो उसे निभाना चाहिए। ये परमेश्वर के कार्य के कदम हैं।

2 परमेश्वर का कार्य राक्षसों के एकत्र होने के इस स्थान से मनुष्य का पूर्ण उद्धार करना है—जिसे छुड़ा लिया गया है, जो अभी भी अंधकार की शक्तियों के अधीन रहता है, और जो कभी जागा नहीं है; ऐसा इसलिए ताकि मनुष्य हज़ारों साल के पापों से मुक्त होकर परमेश्वर का चहेता बन सके, बड़े लाल अजगर को मारकर परमेश्वर का राज्य स्थापित करे और जल्दी ही परमेश्वर के दिल को आराम पहुँचाए; ऐसा इसलिये है ताकि तुम अपने सीने में भरी घृणा को बिना अड़चन के निकाल सको, उन फफूंदग्रस्त रोगाणुओं का उन्मूलन कर सको, तुम लोग इस जीवन को छोड़ सको जो एक बैल या घोड़े के जीवन से कुछ अलग नहीं है, अब दास बनकर न रहो, बड़े लाल अजगर द्वारा आसानी से कुचले न जाओ या उसके द्वारा तुम्हें आज्ञा न दी जाए; तुम लोग अब इस असफल राष्ट्र का हिस्सा नहीं रहोगे, तुम अब घृणित बड़े लाल अजगर के नहीं रहोगे, और तुम अब उसके दास नहीं रहोगे। परमेश्वर द्वारा निश्चित रूप से राक्षसों के घरौंदों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएँगे, तुम लोग परमेश्वर के साथ खड़े होंगे—तुम लोग परमेश्वर के हो, दासों के इस साम्राज्य के नहीं हो।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कार्य और प्रवेश (8) से रूपांतरित

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

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