802 परमेश्वर को जानने वाले ही परमेश्वर को पा सकते हैं

1

अगर तुम अपने ज्ञान से ईश्वर का अध्ययन करना चाहो,

तो उसे कभी न जान पाओगे, न जान पाओगे ईश्वर को।

लेकिन तुम अगर मार्ग अपनाओ सत्य और ईश्वर की खोज का,

ईश्वर को जानने की दृष्टि से उसे देखो, तो एक दिन तुम जान लोगे :


ईश्वर के काम और बुद्धिमत्ता हर जगह हैं।

तुम समझोगे क्यों कहते मालिक उसे,

मालिक हर चीज का, स्रोत जीवन का, हर चीज के लिए स्रोत जीवन का।


2

जितना अधिक ऐसा ज्ञान होगा, उतना अधिक समझोगे।

हां तुम समझोगे, क्यों कहते ईश्वर को मालिक, हर चीज़ का मालिक।

हाँ, तुम समझोगे। तुम्हें और हर चीज को, मिलता है निरंतर ईश्वर का पोषण।

तुम जानोगे कि इस दुनिया में और इंसानों के बीच, बस परमेश्वर ही है,


जिसके पास है ऐसा सामर्थ्य, ऐसा सार

शासन कर सके जो हर चीज़ पर, उन्हें संभाल सके,

उनके अस्तित्व को बनाए रख सके।

कोई नहीं सिवाय ईश्वर के।


3

जब तुम ये समझ लोगे, तुम मान लोगे ईश्वर है तुम्हारा ईश्वर।

इस मुकाम पर जब पहुँचोगे, उसे सचमुच स्वीकार लोगे,

तो अपनी इच्छा से तुम उसे अपना ईश्वर,

अपना मालिक बना लोगे। तुम इच्छुक होगे।

जब तुम समझ लोगे, इस मुकाम पर पहुँच चुके होगे, तो तुम जान लोगे :


ईश्वर अब तुम्हारा इम्तहान न लेगा, न न्याय करेगा, वो तुमसे कुछ न चाहेगा,

क्योंकि तुमने उसे, उसके दिल को जान लिया, स्वीकार लिया,

सचमुच उसे अपने दिल में स्वीकार लिया।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII से रूपांतरित

पिछला: 801 केवल ईश्वर को जानकर ही इंसान ईश्वर से प्रेम कर सकता है

अगला: 803 परमेश्वर को जानकर ही आप उसकी सच्ची आराधना कर सकते हैं

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें