64 परमेश्वर का सच्चा प्यार

1

हे सर्वशक्तिमान!

आज फिर मैं परमेश्वर के सामने खड़ा हूं।

दिल बहुत कुछ कहना चाहता है, जब देखता हूं उसका सुंदर मुखड़ा।

छोड़ आया हूं मैं पिछली ज़िंदगी आवारगी की।

उसके वचनों से मैं भर जाता हूं परमानंद से, मिलता है जो उसकी दया से।

कोमल वचन परमेश्वर के सींचते, पोषण मुझे देते और मुझको बड़ा करते।

उसके कठोर वचन ही मुझको हौसला देते, मुझे फिर से खड़ा करते।

हे परमेश्वर, तेरी आशीष के कारण, करें हम सब तेरा गायन।

हे परमेश्वर, करें तेरी स्तुति हम, क्योंकि तूने किया हमारा उत्थान।

हे सर्वशक्तिमान सच्चे परमेश्वर, तूने दिया है प्यार हमको!

हे सर्वशक्तिमान सच्चे परमेश्वर, हम भी सच्चा प्यार करते हैं तुझे!

हे सर्वशक्तिमान!


2

हे परमेश्वर, मैं हर दिन तेरे वचन का आनंद लेना चाहता हूं।

हे परमेश्वर, तू हर तरह से, रोशनी देता है हमको।

प्यार के जल से तू अपने प्रियजनों को सींचता है, पोसता है।

शैतान भटकाता है, उसके असर से, हमको तू दूर ले जाता है।

कोमल वचन परमेश्वर के सींचते, पोषण मुझे देते और मुझको बड़ा करते।

उसके कठोर वचन ही मुझको हौसला देते, मुझे फिर से खड़ा करते।

हे परमेश्वर, तेरी आशीष के कारण, करें हम सब तेरा गायन।

हे परमेश्वर, करें तेरी स्तुति हम, क्योंकि तूने किया हमारा उत्थान।

हे सर्वशक्तिमान सच्चे परमेश्वर, तूने दिया है प्यार हमको!

हे सर्वशक्तिमान सच्चे परमेश्वर, हम भी सच्चा प्यार करते हैं तुझे!

हे सर्वशक्तिमान!


3

आओ भाइयो! आओ बहनो! उठ खड़े हों और उसकी महिमा गायें!

ये जो पल साझा किये हैं, आओ संजो लें इन्हें हम।

देह के बंधन से आज़ाद हम,

प्यार दिखलाएं प्रभु के वास्ते, करके हम सच्चे करम,

पूरे दिल से, और पूरी जान से, आओ निभायें अपना फ़र्ज़ हम।

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हम चाहते हैं तुझको!

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, ना छोड़ेंगे कभी तुझको!

हे सर्वशक्तिमान!

हे सर्वशक्तिमान!

हे सर्वशक्तिमान!

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