63 हमें ईश्वर के सामने हमेशा शांत रहना चाहिए
1
विफलता सामने हो तो, सत्य को खोजो;
ईश-इच्छा जानो, हमें बल मिलेगा।
उसे अक्सर बताओ हममें क्या कमी है,
सदा उसके सत्य की संगति करो।
परीक्षण आते हैं, उनका सामना करो।
ईश्वर के आगे मौन बैठो,
उसके वचन पढ़ो, उसके सत्य जानो,
अपने अपराध सुधारो।
उल्लसित हमारी आत्मा, हम ईश्वर को पूजते।
ईश्वर के आगे शांत रहो, आत्म-चिंतन करो।
हमें ईश्वर का दिल नहीं दुखाना चाहिए
अपने विद्रोह, और देह की चिंता से।
ईश्वर के आगे शांत रहो, ईश्वर के आगे शांत रहो।
उसके सत्य के अनुसार इंसान की तरह जियो।
उसे संतुष्ट करने, परीक्षणों में गवाह बनो,
ईश्वर के आगे शांत रहो,
ईश्वर के आगे शांत रहो, चिंतन करो।
2
भले ही हम अपराध करते,
हमें ईश्वर से प्रेम करना चाहिए।
जब तक हम पश्चात्ताप करते,
हमें निश्चित ही उसकी दया मिले।
हमें सत्य खोजना चाहिए
और ईश्वर की गवाही देनी चाहिए।
ये हमारा कर्तव्य है जो हमें करना चाहिए।
उल्लसित हमारी आत्मा, हम ईश्वर को पूजते।
ईश्वर के आगे शांत रहो, आत्म-चिंतन करो।
हमें ईश्वर का दिल नहीं दुखाना चाहिए
अपने विद्रोह, और देह की चिंता से।
ईश्वर के आगे शांत रहो, ईश्वर के आगे शांत रहो।
उसके सत्य के अनुसार इंसान की तरह जियो।
उसे संतुष्ट करने, परीक्षणों में गवाह बनो,
ईश्वर के आगे शांत रहो,
ईश्वर के आगे शांत रहो, चिंतन करो।
उसके सत्य के अनुसार इंसान की तरह जियो।
उसे संतुष्ट करने, परीक्षणों में गवाह बनो,
ईश्वर के आगे शांत रहो,
शांत रहो और ईश्वर के आगे चिंतन करो, चिंतन करो।
ईश्वर के आगे शांत रहो,
ईश्वर के आगे शांत रहो, चिंतन करो।