472 सत्य जीवन का सबसे ऊंचा सूत्र है
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"सत्य" जीवन के सब सूत्रों में सबसे सच्चा है,
और मानवता में सबसे ऊंचा है।
जीवन का वह सूत्र है क्योंकि वो है,
वो है जो परमेश्वर इंसान से चाहता
और वह काम जो उसने खुद किया है,
परमेश्वर इंसान से चाहता और वह काम जो उसने खुद किया है।
यह किन्हीं बातों से बनाई उक्ति नहीं है,
ना कहावत किसी महत की, महत की।
पर यह कथन है मानव जाति को,
आकाश और धरती के स्वामी का।
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ये मनुष्यों द्वारा जोड़े गए शब्द नहीं,
यह जीवन है परमेश्वर का, स्वयं परमेश्वर।
इसलिए जीवन के सब सूत्रों में सबसे ऊंचा है।
सत्य का अभ्यास है फर्ज अपने पूरे करना,
और परमेश्वर की अपेक्षाओं को पूरा करना।
इन "अपेक्षाओं" का मर्म है सबसे असली सत्य,
ना कि खाली सिद्धांत जो हो नायाब।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं, केवल वे ही परमेश्वर को संतुष्ट कर सकते हैं से रूपांतरित