44 हम परमेश्वर के घर में इकट्ठा होते हैं

1

हम परमेश्वर के घर में इकट्ठा होने के लिए, पास और दूर के कई स्थानों से यात्रा करके आते हैं,

परमेश्वर के शब्दों को खाते-पीते और प्रतिदिन कलीसिया का जीवन जीते हैं।

हम परमेश्वर के वचनों का अभ्यास और अनुभव करते हैं; सत्य को समझना सचमुच आनंददायक होता है।

खालीपन, दर्द, उलझन—ये सब अतीत की बातें हैं।

परमेश्वर के वचन हमें आपस में जोड़ते हैं; अपने दिलों में इन वचनों का आनंद लेना कितना मधुर होता है।

मसीह की चरवाही पाना हमारा सौभाग्य है; सत्य को समझ कर और परमेश्वर की स्तुति करके, हमारे दिल आज़ाद हो जाते हैं!


2

हम परमेश्वर के घर में इकट्ठा होते हैं, साथ मिलकर परमेश्वर के वचनों पर सहभागिता करते हैं।

सत्य को समझने से, हमारे दिलों में रोशनी होती है, और सभी चीज़ों में अभ्यास का एक मार्ग मिल जाता है।

हम एक-दूसरे को मदद और सहारा देते हैं, और परमेश्वर के वचनों और सत्य को समर्पित होते हैं।

छल-कपट को त्याग कर, हम खुद को नेक होने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।

परमेश्वर के वचन हमें आपस में जोड़ते हैं; हमारे दिल जुड़ते हैं, और हम बहुत करीब होकर एक-दूसरे से प्रेम करते हैं।

सद्भाव में एक साथ काम करते हुए, हम वफ़ादारी से अपना कर्तव्य पूरा करते हैं; हमारे दिल परमेश्वर से प्रेम और उसकी प्रशंसा करते हैं। हम कितने धन्य हैं!


3

साथ बिताए अपने पिछले दिनों को याद करके, हम खट्टा-मीठा महसूस करते हैं।

वे सब अविस्मरणीय यादें बन गए हैं।

हम परमेश्वर के वचनों के न्याय से गुज़रे हैं और हमने उसके अतिशय प्रेम का अनुभव किया है।

परीक्षण और शोधन का अनुभव करने के बाद, हमारे जीवन स्वभाव में बदलाव आया है।

परमेश्वर की गवाही देने का लक्ष्य लेकर, हम अपने विभिन्न रास्तों पर चलते हैं।

परमेश्वर के वचन निरंतर हमारी अगुवाई करते हैं; हम पृथ्वी पर उसके सुसमाचार को फैलाते हैं।

परमेश्वर के वचन हमें आपस में जोड़ते हैं; परमेश्वर से प्रेम करने का अर्थ है उसकी इच्छा के प्रति सचेत रहना।

कष्ट चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, हम कभी पीछे नहीं हटेंगे; हम परमेश्वर से हमेशा प्रेम करेंगे और उसकी गवाही देंगे। हम उसके लिए बिल्कुल अंत तक वफ़ादार रहेंगे!

परमेश्वर के वचन हमें आपस में जोड़ते हैं; हम राज्य का सुसमाचार फैलाते हैं और परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करते हैं।

हम तरसते हैं परमेश्वर की महिमा के उस दिन के लिए, जब हम फिर से इकट्ठा हो सकेंगे, परमेश्वर के साथ, फिर कभी न जुदा होंगे!

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परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

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