352 कौन परमेश्वर के अनुकूल है
1
परमेश्वर ने अनगिनत वचन व्यक्त किये हैं,
और अपनी इच्छा और स्वभाव भी जताया,
फिर भी लोग नाकाबिल हैं उसे जानने के,
उसमें विश्वास करने और उसका पालन करने में।
तुम सब बस सोचते हो पुरस्कारों और आशीषों के बारे में
न ही परमेश्वर के अनुकूल होने के बारे में,
न ही उसके विरुद्ध न होने के बारे में।
परमेश्वर तुमसे बहुत निराश है,
उसने तुम लोगों को कितना कुछ दिया है,
लेकिन कितना कम तुमसे पाया है।
जो जीते हैं बाइबल में या क्रूस पर,
जो जीते हैं व्यवस्था या सिद्धांतों के बीच,
या आज परमेश्वर जो करता कार्य उसके बीच,
उनमें से कौन है जो परमेश्वर के अनुकूल है?
2
तुम लोगों का घमंड, लालच,
बड़ी अभिलाषाएं, धोखा और अनाज्ञाकारिता,
इनमें से परमेश्वर की निगाहों से क्या बच पायेगा?
तुम सब उसे शर्मिंदा करते, उसके साथ चाल चलते हो,
उससे ज़बरदस्ती वसूलते, और बलिदान के लिए बल प्रयोग करते हो,
ये सब उसके दंड से कैसे बच पायेगा, कभी सोचते हो?
तुम्हारे कुकर्म हैं सबूत कि परमेश्वर के खिलाफ हो तुम लोग
और उसके अनुकूल नहीं हो तुम।
जो जीते हैं बाइबल में या क्रूस पर,
जो जीते हैं व्यवस्था या सिद्धांतों के बीच,
या आज परमेश्वर जो करता कार्य उसके बीच,
उनमें से कौन है जो परमेश्वर के अनुकूल है?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें मसीह के साथ अनुकूलता का तरीका खोजना चाहिए से रूपांतरित