414 लोग अपने विश्वास में विफल क्यों हो जाते हैं?

1

ईश-आस्था के लिए सबसे

मूल ज़रूरत है ईमानदार दिल।

इंसान को अंग-अंग समर्पित करना

और आज्ञापालन करना चाहिए।

इंसान के लिए मुश्किल है,

सच्ची आस्था के बदले अपना जीवन देना,

आस्था से वो पूरा सत्य पा सके,

ईश्वर के प्राणी का फ़र्ज़ निभा सके।

ये नाकाम लोगों की पहुँच से परे है,

उनसे तो और भी जो मसीह को पा न सकें।


क्योंकि इंसान ईश्वर के प्रति समर्पण में नहीं अच्छा,

क्योंकि उसके प्रति अपना फ़र्ज़ निभाना न चाहे,

क्योंकि इंसान सत्य देखकर भी अपने रास्ते चले,

क्योंकि वो नाकाम लोगों के मार्ग पर

चलकर खोजना चाहे,

स्वर्ग के विरुद्ध जाये, तभी वो हमेशा नाकामी पाये

और शैतान के धोखे में आकर,

अपने ही जाल में फंस जाए।


2

क्योंकि इंसान निपुण नहीं सत्य समझने में,

न जाने मसीह को भी

पौलुस के लिए श्रद्धा से भरा है।

उसे स्वर्ग का लालच है,

वो चाहे मसीह उसकी आज्ञा माने,

वो आदेश दे ईश्वर को भी,

इसलिए वे महान लोग और वे जो संसार के उतार-चढ़ाव से

गुज़रे हैं, अभी भी नश्वर हैं।

इसलिए वे सब निश्चित ही मरेंगे;

वे ईश्वर की ताड़ना के बीच मरेंगे।


क्योंकि इंसान ईश्वर के प्रति समर्पण में नहीं अच्छा,

क्योंकि उसके प्रति अपना फ़र्ज़ निभाना न चाहे,

क्योंकि इंसान सत्य देखकर भी अपने रास्ते चले,

क्योंकि वो नाकाम लोगों के मार्ग पर

चलकर खोजना चाहे,

स्वर्ग के विरुद्ध जाये, तभी वो हमेशा नाकामी पाये

और शैतान के धोखे में आकर,

अपने ही जाल में फंस जाए।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सफलता या विफलता उस पथ पर निर्भर होती है जिस पर मनुष्य चलता है से रूपांतरित

पिछला: 413 ऐसी आस्था जिसकी ईश्वर प्रशंसा न करे

अगला: 415 सफलता या विफलता मनुष्य की कोशिश पर निर्भर है

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

420 सच्ची प्रार्थना का प्रभाव

1ईमानदारी से चलो,और प्रार्थना करो कि तुम अपने दिल में बैठे, गहरे छल से छुटकारा पाओगे।प्रार्थना करो, खुद को शुद्ध करने के लिए;प्रार्थना करो,...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें