586 इस मौके को खो दोगे तो तुम हमेशा पछताओगे
1
ईश-वचन खाओ-पियो, प्रार्थना करो,
ईश्वर ने जो बोझ दिया,
जो उसने सौंपा है, उसे स्वीकार करो।
ये सभी चीज़ें हैं इसलिए कि
एक मार्ग हो तुम्हारे सामने।
ईश-आदेश का जितना बोझ होगा तुमपे,
उतना ही पूर्ण किए जाओगे तुम।
कुछ लोग बुलाये जाने पर ईश-सेवा न करना चाहें।
वे हैं आलसी और निरे आरामपसंद।
ये है समय ईश्वर द्वारा पूर्ण किया जाने का।
अगर तुम यह मौका चूकोगे, तो सदा पछताओगे,
जैसे मूसा जो कनान की धरती पर पैर न रख सका,
मरते समय तक पछताता रहा।
2
जितना अधिक तुमसे सेवा करने को कहा जाए,
उतना अनुभव पाओगे तुम।
जितना अधिक बोझ होगा तुमपे,
उतना ही पूर्ण किए जाओगे तुम।
ईमानदारी से सेवा करोगे,
तो ईश्वर के बोझ का ध्यान रख पाओगे,
तुम्हारे पास पूर्ण किए जाने के ज़्यादा मौके होंगे।
जितना पवित्रात्मा तुम्हें प्रेरित करेगा,
उतना ही तुम ईश्वर के बोझ की परवाह करोगे,
उतना ही तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण और प्राप्त किए जाओगे।
अंत में तुम, वो इंसान बन जाओगे
जिसका ईश्वर इस्तेमाल कर सके।
ये है समय ईश्वर द्वारा पूर्ण किया जाने का।
अगर तुम यह मौका चूकोगे, तो सदा पछताओगे,
जैसे मूसा जो कनान की धरती पर पैर न रख सका,
मरते समय तक पछताता रहा।
3
ईश्वर के बोझ को आज ध्यान में रखो।
सभी पर उसकी धार्मिकता के
प्रकाशन का इंतज़ार न करो।
तब तक बहुत देर हो जाएगी,
तुम पछतावे से भर जाओगे।
ईश्वर तुम्हें ताड़ना न दे,
तो भी तुम खुद को ताड़ना दोगे।
अगर तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण
किए जाने का प्रयास नहीं करते,
तो ईश्वर के काम खत्म कर लेने पर,
देर हो चुकी होगी।
तुम्हारी इच्छाशक्ति कितनी भी मजबूत हो,
चाहे कितना भी प्रयास करो तुम,
अगर ईश्वर का काम खत्म हो गया
तो कभी पूर्ण न किए जाओगे।
ये है समय ईश्वर द्वारा पूर्ण किया जाने का।
अगर तुम यह मौका चूकोगे, तो सदा पछताओगे,
जैसे मूसा जो कनान की धरती पर पैर न रख सका,
मरते समय तक पछताता रहा।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पूर्णता प्राप्त करने के लिए परमेश्वर की इच्छा को ध्यान में रखो से रूपांतरित