46 मसीह का राज्य है स्नेह से भरा घर

1

मसीह का राज्य मेरा स्नेह भरा घर।

यह है परमेश्वर के सभी लोगों का घर।

मसीह का राज्य मेरा स्नेह भरा घर।

यह है परमेश्वर के सभी लोगों का घर।

कलीसिया में चलता, मसीह बातें करता।

हमारे बीच है चलता, जीता है मसीह।

परमेश्वर के वचनों का न्याय है यहाँ,

पवित्रात्मा का कार्य भी है यहाँ।


आपूर्ति करते, हमें राह दिखाते,

परमेश्वर के वचन, परमेश्वर के वचन।

हमारे जीवन का विकास करते,

परमेश्वर के वचन, परमेश्वर के वचन।

न्यायी दुनिया है ये, इस पर राज मसीह का।

मसीह का राज्य है स्नेह भरा घर,

है स्नेह भरा घर।


2

मसीह का राज्य मेरा स्नेह भरा घर।

परमेश्वर-जनों को अतिप्रिय है ये।

प्रभुता है कलीसिया में, परमेश्वर के वचनों की।

हम सत्य का पालन करते हैं,

मसीह को दिल में ऊँचा उठाते हैं।

आपसी लड़ाई अब न रही कोई।

डरने की, बचने की अब ज़रूरत नहीं।


इन्सान की आत्मा के आराम की जगह है मसीह।

मुझे अब भटकने की ज़रूरत है नहीं।

मसीह का राज्य है ये,

लोग तड़पते हैं जिसके लिए।

मसीह का राज्य है स्नेह भरा घर,

है स्नेह भरा घर।


3

मसीह का राज्य मेरा स्नेह भरा घर।

सभी परमेश्वर-जन संजोते हैं इसे।

यहाँ मैं परमेश्वर की परीक्षाओं से गुज़रता हूँ।

ये मेरे दूषित स्वभाव को शुद्ध करते हैं।


तुम हो हमारे प्रिय, अंत के दिनों के मसीह।

प्रेम करेंगे, स्तुति करेंगे सदा तुम्हारी।

परमेश्वर के वचन,

पवित्र आत्मा के कार्य हैं यहाँ।

मसीह का राज्य है स्नेह भरा घर,

है स्नेह भरा घर।


मेरे जीवन-विकास की कहानी है यहाँ।

परमेश्वर को दिल में कहे मेरे शब्द हैं यहाँ।

परमेश्वर द्वारा चुकाई कीमत,

बसी है मेरी यादों में।

उन सबसे प्रेरित होती हूँ, जो है यहाँ।

सच्चा लगाव है यहाँ,

जिसे शब्द नहीं कर सकते बयाँ।

मसीह का राज्य है स्नेह भरा घर।

मसीह का राज्य है स्नेह भरा घर।

मसीह का राज्य है मेरा स्नेह भरा घर।

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