176 परमेश्वर इंसान की जरूरत के कारण काम करने के लिए देह बना

1 भ्रष्ट इंसान की आवश्यकताओं के कारण ही देहधारी परमेश्वर देह में आया है। यह परमेश्वर नहीं मनुष्य की आवश्यकताओं की वजह से है, परमेश्वर के समस्त बलिदान और कष्ट मानवजाति के लिए हैं न कि स्वयं परमेश्वर के लाभ के लिए। परमेश्वर के लिए कोई नफा-नुकसान या प्रतिफल नहीं है; परमेश्वर भविष्य की कोई फसल नहीं काटेगा, बल्कि जो मूल रूप से उसका था, बस वही प्राप्त करेगा। वह इंसान के लिए जो कुछ करता और त्यागता है, इसलिए नहीं है कि वह कोई बड़ा प्रतिफल प्राप्त कर सके, बल्कि यह पूरी तरह इंसान के लिए ही है। हालाँकि देह में परमेश्वर के कार्य से अनेक अकल्पनीय मुश्किलें जुड़ी हैं, फिर भी जिन प्रभावों को वह अंततः प्राप्त करता है वे उन कार्यों से कहीं बढ़कर होते हैं जिन्हें पवित्रात्मा के द्वारा सीधे तौर पर किया जाता है।

2 देह के कार्य में काफी कठिनाइयाँ अपरिहार्य हैं, देह वही पहचान धारण नहीं कर सकता जो पवित्रात्मा की होती है, वह आत्मा की तरह अलौकिक कार्य नहीं कर सकता, उसमें आत्मा के समान अधिकार होने का तो सवाल ही नहीं। फिर भी इस मामूली देह के द्वारा किए गए कार्य का सार पवित्रात्मा के द्वारा सीधे तौर पर किए गए कार्य से कहीं अधिक श्रेष्ठ है, और यह स्वयं देह ही है जो समस्त मानवजाति की आवश्यकताओं का उत्तर है। जो भी सत्य को खोजता है और परमेश्वर के प्रकटन के लिए लालायित रहता है, उसके लिए पवित्रात्मा का कार्य केवल दिल को छू सकता या प्रेरणा प्रदान कर सकता है, अद्भुतता का यह भाव दे सकता है कि यह कार्य अवर्णनीय और अकल्पनीय है, और एक एहसास प्रदान करता है कि यह महान, असाधारण, और प्रशंसनीय है, मगर सभी के लिए अलभ्य और अप्राप्य भी है।

3 देह का कार्य मनुष्य को अनुसरण के लिए व्यावहारिक लक्ष्य, स्पष्ट वचन और यह एहसास देता है कि परमेश्वर व्यावहारिक, सामान्य, विनम्र और साधारण है। भले ही मनुष्य उससे डरता हो, फिर भी अधिकांश लोगों के लिए उससे सम्बन्ध रखना आसान है : मनुष्य उसका चेहरा देख सकता है, उसकी आवाज सुन सकता है, इंसान को उसे दूर से देखने की आवश्यकता नहीं है। यह देह इंसान को सुगम्य लगती है, दूर या अथाह नहीं, बल्कि दृश्य और स्पर्शगम्य महसूस होती है, क्योंकि यह देह उसी संसार में है जिसमें मनुष्य है। हालाँकि देह में परमेश्वर के कार्य से अनेक अकल्पनीय मुश्किलें जुड़ी हैं, फिर भी जिन प्रभावों को वह अंततः प्राप्त करता है वे उन कार्यों से कहीं बढ़कर होते हैं जिन्हें पवित्रात्मा के द्वारा सीधे तौर पर किया जाता है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, भ्रष्ट मनुष्यजाति को देहधारी परमेश्वर द्वारा उद्धार की अधिक आवश्यकता है

पिछला: 175 केवल देहधारी परमेश्वर ही मानवजाति को बचा सकता है

अगला: 177 देहधारी परमेश्वर की आवश्यकता

परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?

संबंधित सामग्री

418 प्रार्थना के मायने

1प्रार्थनाएँ वह मार्ग होती हैं जो जोड़ें मानव को परमेश्वर से,जिससे वह पुकारे पवित्र आत्मा को और प्राप्त करे स्पर्श परमेश्वर का।जितनी करोगे...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें