10 परमेश्वर का राज्य प्रकट हुआ है धरती पर

1

सिंहासन का राजा, सर्वशक्तिमान सच्चा परमेश्वर

कर रहा है शासन सकल ब्रह्माण्ड पर,

कर रहा है सामना सभी देशों का, लोगों का।

सकल जगत प्रकाशित है परमेश्वर की महिमा से।

देखेगी हर चीज़ कायनात की, देखेगा हर जगह मौजूद हर जीव।

पर्वत, महासागर, झील, धरती, नदी और हर प्राणी ने,

सच्चे परमेश्वर की मौजूदगी की रोशनी में,

खोल दिए हैं आवरण अपने, मानो जाग रहे हों सपनों से जीवन में,

या हो रहे हों अंकुरित धरती से प्रकाश में।


ओह, प्रकट होता है एक सच्चा परमेश्वर सम्मुख जगत के,

है किसमें साहस, है किसमें साहस करे विरोध उसका?

काँपता भय से हर कोई, आश्वस्त होता हर कोई,

हर कोई झुकता सम्मुख उसके, झुकता सम्मुख उसके!

देखो उन्हें क्षमा माँगते, याचना करते उससे।

हर मुख आराधना करता उसकी। हर मुख आराधना करता उसकी।


2

महाद्वीप, महासागर, नदियाँ, पर्वत, करती हर चीज़ अविरल गुणगान उसका।

बसंती बयार लाती बरखा सुहानी,

जल-धाराओं में भी ग़म और ख़ुशी का संगम है, इंसान की तरह,

वो भी बहा रहे हैं आँसू आभार के,

वो भी कर रहे हैं रुदन, दोष और मलाल से भरे।

नदियाँ, झरने, लहरें, महालहरें, गायन और

गुणगान कर रही हैं परमेश्वर के पवित्र नाम का।

शैतान से मलिन हुई हर एक चीज़ पुरानी, हो जाएगी नवीन।

दूषित हुई कभी हर चीज़ बदल जाएगी।

हर चीज़ नई अवस्था में प्रवेश कर जाएगी।


ओह, प्रकट होता है एक सच्चा परमेश्वर सम्मुख जगत के,

है किसमें साहस, है किसमें साहस करे विरोध उसका?

काँपता भय से हर कोई, आश्वस्त होता हर कोई,

हर कोई झुकता सम्मुख उसके, झुकता सम्मुख उसके!

देखो उन्हें क्षमा माँगते, याचना करते उससे।

हर मुख आराधना करता उसकी। हर मुख आराधना करता उसकी।


3

तुरही करती है तब पावन तूर्यनाद। सुनो ध्यान से।

आती है मधुर ध्वनि सिंहासन से,

करती है उद्घोष हर देश में कि आ गया है समय पहले ही,

फ़ैसले की घड़ी आ गई है आख़िरकार।

हो गई है पूरी प्रबंधन योजना परमेश्वर की

और आ गया है राज्य उसका धरती पर।

जगत का हर राज्य बन गया है राज्य परमेश्वर का।

सात तुरही बजती हैं सिंहासन से।

क्या महान चमत्कार घटित होंगे अब!

देखकर आनंदित होता है परमेश्वर उन्हें, जो सुनते हैं वाणी उसकी।

हर देश, हर राष्ट्र से जुटते हैं वे।

रखता है अपने मुँह में नाम परमेश्वर का हर इंसान,

नाचता, गुणगान करता, नाचता, गुणगान करता अविरल हर इंसान!

देता है गवाही जगत को, एक सच्चे परमेश्वर की,

समन्दर की तरह गरजते हुए।

जुटेंगे परमेश्वर के राज्य में सभी। जुटेंगे परमेश्वर के राज्य में सभी।

जुटेंगे परमेश्वर के राज्य में सभी।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 36 से रूपांतरित

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