641 परमेश्वर द्वारा मोआब के वंशजों का उत्कर्ष
1
ईश्वर द्वारा अब तुम सब का न्याय किया जा रहा है,
अंत में समझोगे तुम सब कितना?
हालांकि तुम्हारी स्थिति ऊँची नहीं है, तुम सब कहोगे,
पर तुम सब ने ईश्वर के उत्कर्ष का आनंद लिया है।
तुम्हारी हैसियत नहीं थी क्योंकि तुम सब अधम पैदा हुए।
और जो स्थान तुम सब को दिया गया है,
ये सब ईश्वर के उत्कर्ष की वजह से है।
ये वो है जो उसने तुम्हें प्रदान किया है।
आज तुम प्राप्त कर सकते हो ईश्वर का प्रशिक्षण और न्याय,
ताड़ना, प्रज्वलन, शुद्धिकरण।
ये सब है ईश्वर के महान प्यार का प्रतीक,
और ये उसका उत्कर्ष अधिक है।
2
इससे पहले ईश्वर के वचनों से न कोई पूर्ण किया गया,
न कोई प्राप्त कर सका उससे प्रज्वलन या शुद्धिकरण।
वो तुम्हें शुद्ध करने और तुम्हारे विद्रोह को प्रकट करने के लिए बोलता है।
ये वाकई अब उसका उत्कर्ष है।
चाहे हों पुत्र दाऊद के या मोआब के,
वे हैं प्राणी जिनके पास बड़ाई करने को कुछ नहीं।
ईश्वर के जीव हो, उसके प्रति अपना कर्तव्य करो।
और तुम लोगों से कोई अपेक्षा नहीं है।
आज तुम प्राप्त कर सकते हो ईश्वर का प्रशिक्षण और न्याय,
ताड़ना, प्रज्वलन, शुद्धिकरण।
ये सब है ईश्वर के महान प्यार का प्रतीक,
और ये उसका उत्कर्ष अधिक है।
आज तुम प्राप्त कर सकते हो ईश्वर का प्रशिक्षण और न्याय,
ताड़ना, प्रज्वलन, शुद्धिकरण।
ये सब है ईश्वर के महान प्यार का प्रतीक,
और ये उसका उत्कर्ष अधिक है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम विषमता होने के अनिच्छुक क्यों हो? से रूपांतरित