40 विश्व का पतन हो रहा है! बेबीलोन गतिहीन है!
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ईश्वर के दिन के आने का सब उत्सव मनाते,
और स्वर्गदूत इंसानों के बीच घूमते।
जब शैतान परेशान करता, वे ईश्वर-जन की मदद करते।
अपनी स्वर्गिक सेवा से।
स्वर्गदूत ठगे नहीं जाते शैतान के हाथों
इंसानी दुर्बलताओं के कारण; बल्कि पाते हैं
ज़्यादा अनुभव मानव-जीवन का, कोहरे के पार
जब अंधकार की ताकत हमला करती।
सब ईश्वर के नाम तले झुकते, कोई नहीं करता विरोध खुलकर।
स्वर्गदूतों के काम के कारण, मानव ईश्वर का नाम स्वीकारता,
सब उसके काम की धारा में आते।
विश्व का पतन हो रहा है! बेबीलोन गतिहीन है!
कैसे न होती बर्बाद धार्मिक दुनिया?
विश्व का पतन हो रहा है! बेबीलोन गतिहीन है!
कैसे न होती बर्बाद धार्मिक दुनिया धरती पर ईश्वर के अधिकार से?
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ईश्वर की अवज्ञा, विरोध कौन कर सकता?
क्या धर्म-शास्त्री, धार्मिक नौकरशाह?
या शासक, सत्ताधारी, धरती पर सत्ताधारी?
या फिर स्वर्गदूत कर सकते?
कौन नहीं मनाता उत्सव ईश्वर के पूर्ण देह का?
कौन अविरल स्तुति नहीं करता ईश्वर की?
कौन नहीं है आनंदित सदा?
विश्व का पतन हो रहा है! बेबीलोन गतिहीन है!
कैसे न होती बर्बाद धार्मिक दुनिया?
विश्व का पतन हो रहा है! बेबीलोन गतिहीन है!
कैसे न होती बर्बाद धार्मिक दुनिया धरती पर ईश्वर के अधिकार से?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 22 से रूपांतरित