741 सुरक्षा पाने की ख़ातिर भय मानो परमेश्वर का
काम में, बर्ताव में अपने, व्यवहारिक होना,
जो भी करो उसमें प्रार्थना से विमुख न होना,
परमेश्वर के सम्मुख अक्सर आना, उससे दूर न जाना,
यही हैं सबसे बुनियादी बातें।
1
कितना ही विशाल हो जीवन और कद तुम्हारा,
कितना ही प्रवेश कर चुके हो तुम सत्य की हकीकत में,
परमेश्वर को तुम अपने हृदय से निकाल नहीं सकते हो,
और उससे दूर कभी तुम नहीं जा सकते हो।
तुम कहते हो तुम परमेश्वर से दूर नहीं जाओगे,
मामला ये पास और दूर का नहीं है पर,
बिना परमेश्वर को लिये दिल में अपने,
पहले ही बहुत दूर जा चुके हो तुम।
2
क्या होता है उन लोगों का भटक जाते हैं जो?
शैतान करेगा इस्तेमाल उनका और उसके बंधक बन जाएंगे वो,
करेंगे ग़लतियाँ, विद्रोह और पहुँचाएँगे बाधा वो।
कितना ख़ौफ़नाक होगा ये सब!
अपने दिल में परमेश्वर से दूर न जाना,
और हर समय उसके सम्मुख आ पाना,
है उसके प्रति रवैया आदर का, होता है ऐसा जब रवैया तुम्हारा,
तो रक्षा करता है परमेश्वर तुम्हारी, जाने से ग़लत राह पर।
—परमेश्वर की संगति से रूपांतरित