221 क्या तुम परमेश्वर के वर्तमान कार्य का अनुसरण करते हो
1
नहीं कर सकते तुम आज के प्रकाश का अनुसरण अगर,
तो फिर दूरी है तुम में और परमेश्वर में, टूट भी चुका हो वो रिश्ता शायद,
एक सामान्य आत्मिक जीवन के बग़ैर हो तुम।
एक सामान्य रिश्ता परमेश्वर से आज
बनाया जाता है परमेश्वर के वचनों की स्वीकृति पर।
क्या सामान्य आत्मिक जीवन है तुम्हारा?
क्या मुनासिब रिश्ता है परमेश्वर से तुम्हारा?
2
क्या अनुसरण करते हो पवित्र आत्मा के कार्य का तुम?
कर सको अनुसरण अगर उसके आज के प्रकाश का तुम,
समझ सको इच्छा परमेश्वर की और कर सको प्रवेश उसके वचन में तुम,
तो फिर करते हो अनुसरण पवित्र आत्मा के धारा का तुम।
नहीं करते अनुसरण अगर पवित्र आत्मा के धारा का तुम,
तो बेशक नहीं करते सत्य का अनुसरण तुम,
कार्य नहीं करेगा पवित्र आत्मा उनमें सुधार की इच्छा नहीं है जिनमें।
समेट नहीं सकते शक्ति अपनी ऐसे लोग और रहते हैं निष्क्रिय सदा ऐसे लोग।
क्या अनुसरण करते हो पवित्र आत्मा के धारा का तुम?
क्या निकल आए हो निष्क्रिय स्थिति से तुम?
जो रखते हैं विश्वास परमेश्वर के वचनों में,
जो बनाते हैं बुनियाद परमेश्वर के कार्य को,
और करते हैं अनुसरण पवित्र आत्मा के प्रकाश का आज,
धारा में हैं वे पवित्र आत्मा के, धारा में हैं वे पवित्र आत्मा के।
3
यकीन है अगर तुम्हें, सच्चे और सही हैं वचन परमेश्वर के,
विश्वास है अगर परमेश्वर के वचनों पर, चाहे परमेश्वर कुछ भी कहे,
तो करते हो प्रयास तुम परमेश्वर के कार्य में प्रवेश का।
और इस तरह पूर्ण करते हो इच्छा परमेश्वर की तुम।
और इस तरह पूर्ण करते हो इच्छा परमेश्वर की तुम।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और उसके पदचिह्नों का अनुसरण करो से रूपांतरित