887 परमेश्वर ख़ामोशी से प्रबंध करता है हर एक का
1
परमेश्वर हर जगह, हर वक्त, हर इंसान की ज़रूरत पूरी करता है।
किस तरह लोगों के ख़्याल, और दिल बदलते हैं, वह नज़र रखता है।
उन्हें दिलासा देता है, जोश भरता है और राह दिखलाता है।
जो उसे चाहता है, उसका अनुसरण करता है,
परमेश्वर कोई कसर नहीं रखता, वो अपनी दुआएं बरसाता है।
उन सभी को अनुग्रह देता है, उसकी दया का प्रवाह व्यापक है।
वो जो है, जो उसके पास है, दिल खोलकर लुटाता है।
2
इंसान जबकि उसके ख़्यालों को अनदेखा करता है,
परमेश्वर फिर भी उसे रोशनी दिखाता है,
पोषण देता है, मदद करता है, वो चाहता है लोग उसकी राह पर चलें,
ताकि उन्हें परमेश्वर के हाथों से, ख़ूबसूरत नियोजित मुकद्दर मिल सके।
जो उसे चाहता है, उसका अनुसरण करता है,
परमेश्वर कोई कसर नहीं रखता, वो अपनी दुआएं बरसाता है।
उन सभी को अनुग्रह देता है, उसकी दया का प्रवाह व्यापक है।
वो जो है, जो उसके पास है, दिल खोलकर लुटाता है।
3
परमेश्वर ने सारा दर्द जो सहा या अपनी मनोदशा को, कभी ज़ाहिर न किया।
जब कोई उसका ख़्याल न रखे या उसे न समझे, तो वो शिकायत नहीं करता।
परमेश्वर बस इंतज़ार करता है उस दिन का, जब वो जागेंगे।
जो उसे चाहता है, उसका अनुसरण करता है,
परमेश्वर कोई कसर नहीं रखता, वो अपनी दुआएं बरसाता है।
उन सभी को अनुग्रह देता है, उसकी दया का प्रवाह व्यापक है।
वो जो है, जो उसके पास है, दिल खोलकर लुटाता है।
वो जो है, जो उसके पास है, दिल खोलकर लुटाता है।
वो जो है, जो उसके पास है, दिल खोलकर लुटाता है।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I से रूपांतरित