111 परमेश्वर छ: हज़ार साल की प्रबंधन योजना का शासक है

1

परमेश्वर अपना काम ख़ुद करता है।

वही अपने काम को गति देता है। वही अपने काम को अंजाम देता है।

वही अपने काम की योजना बनाता है।

वही अपने काम का प्रबंधन करता है,

और वही अपने काम को सफल बनाता है।

जैसा कि बाइबल में लिखा है: परमेश्वर ही आदि है, परमेश्वर ही अंत है;

परमेश्वर ही बोनेवाला है, परमेश्वर ही काटने वाला है।

परमेश्वर ही आदि है, परमेश्वर ही अंत है;

परमेश्वर ही बोनेवाला है, परमेश्वर ही काटने वाला है।

जो कुछ भी उसके प्रबंधन के काम से जुड़ा है,

उस काम को वो अपने ही हाथों से करता है।


2

परमेश्वर ही शासक है छ: हज़ार सालों की प्रबंधन योजना का।

कोई नहीं कर सकता परमेश्वर का कार्य उसके सिवा।

सबकुछ परमेश्वर के अधिकार में है इसलिये,

कोई नहीं है उसके काम को, अंजाम तक जो ला सके।

सबकुछ परमेश्वर के अधिकार में है इसलिये,

कोई नहीं है उसके काम को, अंजाम तक जो ला सके,

अंजाम तक जो ला सके।

चूँकि जगत उसने बनाया, अपनी रोशनी में जीने के लिये,

वो ही सारी दुनिया की अगवाई करेगा।

चूँकि जगत उसने बनाया, अपनी रोशनी में जीने के लिये,

वो ही सारी दुनिया की अगवाई करेगा।

अपनी योजना की कामयाबी की ख़ातिर,

वो ही सारे युग का समापन करेगा।

वो ही सारे युग का समापन करेगा।

वो ही सारे युग का समापन करेगा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, देहधारण का रहस्य (1) से रूपांतरित

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