112 सृजित प्राणी के हृदय की वाणी
1
कितनी ही बार मैंने पुकारना चाहा,
मगर सही न लगी जगह कोई मुझे।
कितनी ही बार मैंने ऊँचे सुर में गाना चाहा,
मगर एक भी धुन न मिली कहीं मुझे।
कितनी ही बार तड़पा हूँ,
सृजित प्राणी का प्यार ज़ाहिर करूँ।
हर जगह तलाश की मैंने,
मगर शब्द सारे नाकाम रहे।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर तू मेरे दिल का प्यार है।
सृजित प्राणी के दिल की वाणी है।
2
धूल से आया इंसान,
मगर उसमें कोई ज़िंदगी न थी।
इंसान को बनाकर हमें तूने साँसें दीं,
हमें तूने ज़िंदगी की साँसें दीं।
अफ़सोस, हमें भ्रष्ट किया शैतान ने,
गँवा दिया अपना विवेक, अपना ज़मीर हमने।
पीढ़ी-दर-पीढ़ी, और भी आगे तलक,
हो चुका है पतन इंसान का।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर तू मेरे दिल का प्यार है।
सृजित प्राणी के दिल की वाणी है।
दिल उछलता है, हाथ नाचे ख़ुशी से मेरे
धरती पर तेरे आगमन की स्तुति में।
भ्रष्ट था मैं, फिर भी मुझे बचाया तूने।
अब देखता हूँ महिमामय चेहरा तेरा।
तेरी योजना का पालन,
तेरी इच्छा को संतुष्ट करूँगा,
अपने लिये अब कुछ न चुनूँगा।
मैं धूल से आया हूँ;
महान आशीष है प्रेम करना तुझे।
कैसे न तुझे नमन, न तेरी आराधना मैं करूँ?
3
तूने रचा है, तू प्यार करता है इंसान को।
तूने देहधारण किया फिर से, बचाने इंसान को।
मनोहर मंज़िल पर लाने के लिये इंसान को,
तूने हर अपमान सहा,
तूने हर अत्याचार सहा,
ज़िंदगी के हर खट्टे-मीठे अनुभव लिये तूने।
ऐसे महान उद्धार के लिये
कैसे न बेशुमार शुक्रिया अदा करें तेरा हम?
सर्वशक्तिमान परमेश्वर तू मेरे दिल का प्यार है।
सृजित प्राणी के दिल की वाणी है।
4
आज सिर्फ़ तेरे उत्कर्ष,
अनुग्रह के कारण बचकर,
इंसानी ज़िंदगी का अनुसरण करता हूँ मैं।
तेरे वचनों का आनंद लेता हूँ, तेरा न्याय स्वीकारता हूँ मैं।
तेरी धार्मिकता, पवित्रता को जानता हूँ मैं।
तू ही सबसे प्यारा है,
तमाम कष्टों, दुखों को सहकर, ये एहसास करता हूँ मैं।
तेरे कार्य का अनुभव लेकर,
तेरी रोशनी में रहता हूँ,
शुद्ध हो रहा हूँ मैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर तू मेरे दिल का प्यार है।
सृजित प्राणी के दिल की वाणी है।
हर जीव का फ़र्ज़ है परमेश्वर की आराधना करे,
हर जीव का फ़र्ज़ है तेरी आराधना करे।
बेहद नफ़रत है मुझे शैतान से,
मुझे लुभाने की हर चाल चलता है वो।
तेरे सारे न्याय में तुझे चाहूँगा मैं।
तेरी सारी ताड़ना में तुझे चाहूँगा मैं।
देह-सुखों की कामना अब नहीं मुझे,
शैतान के अधीन अब नहीं रहता मैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर तू मेरे दिल का प्यार है।
सृजित प्राणी के दिल की वाणी है।