66 राज्य में नए जीवन की स्तुति
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राज्य में नए जीवन की स्तुति।
सुनी ईश्वर की वाणी और लौट आए उसके घर हम।
भोज में होकर शामिल, उसके वचनों को खाते-पीते हम।
गमों को कहकर अलविदा, एक नया जीवन जीते हम।
ईश-वचन होते हमारे साथ हर दिन,
उनका आनंद लेते हम। उनका आनंद लेते हम।
सत्य की संगति से चमकते दिल हमारे।
सोचते हम ईश-वचनों पर, पवित्रात्मा प्रबुद्धता दे।
सत्य जान के, मुक्त हो के,
मधु जैसे मधुर हो गए हृदय हमारे।
चले गए सब पूर्वाग्रह, ईश-प्रेम में जीते हम।
एक-दूसरे से प्रेम करते, नहीं कोई दूरी हमारे बीच।
ईश्वर के हृदय को समझते, नहीं रहे नकारात्मक हम।
रहकर उसके वचनों में, उसकी प्रियता देखते हम।
ईश्वर के मार्गदर्शन में, रोशनी के पथ पर चल पड़े हम।
करते हैं ईश्वर का स्तुतिगान, नाचते ही रहते हम।
ईश-राज्य में आनंदित, नए जीवन को सराहते हम।
ईश्वर ने पूरी तरह बचाया हमें, बन गए उसके जन हम।
उसके सिंहासन के आगे उन्नत होना है अतुल्य आनंद।
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राज्य में नए जीवन की स्तुति।
ईश-वचन हैं कीमती और पूरी तरह सत्य।
उनका न्याय हमारी भ्रष्टता उजागर करता।
अहंकारी स्वभाव के साथ, सच में विवेकहीन होते हम।
हमें काटते-छाँटते और हमसे निपटते ईश-वचन,
खुद को जान गए हैं हम।
खुद से नफरत करते हुए, सच्चा पश्चात्ताप करते हम।
न्याय और ताड़ना से शुद्ध होते हम।
ईश-वचनों को अमल में लाकर, नए इंसान बन गए हम,
अपना कर्तव्य निभाते, ईश-प्रेम का प्रतिफल देते हम। प्रतिफल देते हम।
हम सब अपनी भूमिका निभाते, ईश्वर को हैं समर्पित,
ईश-इच्छा पूरी करने हम गवाही देते दृढ़ता से।
निकलती रोशनी हमसे, ईश्वर की गवाही देते हम।
उसके लिए शुद्ध, और सच्चा प्रेम है सुखद और मीठा।
करते हैं ईश्वर का स्तुतिगान, नाचते ही रहते हम।
ईश-राज्य में आनंदित, नए जीवन को सराहते हम।
ईश्वर ने पूरी तरह बचाया हमें, बन गए उसके जन हम।
उसके सिंहासन के आगे उन्नत होना है अतुल्य आनंद।
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राज्य में नए जीवन की स्तुति
हृदय और हाथ जोड़, ईश्वर की गवाही देते हम,
राज्य का सुसमाचार फैलाते, मुश्किल से न घबराते हम।
परीक्षणों, क्लेशों से गुजरते हुए,
ईश्वर पे भरोसा और प्रार्थना करते हम।
विषम है मार्ग, पर राह खोल देता ईश्वर। राह खोल देता ईश्वर।
ईश-वचनों का सत्य समझकर, हमारे हृदय पाते बल।
वे हमें सदा आगे बढ़ने का हौसला देते।
ईश्वर की गवाही देकर, अपना सब उसे देते हम।
कितने भी बड़े हों कष्ट, सदा तैयार रहते हम।
ईश-वचनों के मार्गदर्शन में, शैतान पर विजय पाते हम।
ईश्वर से सच्चा प्रेम करने में, नहीं हमें कोई खेद।
बड़े लाल अजगर का त्याग करेंगे
और विजयी सैनिक होंगे हम।
ईश-प्रेम के मार्ग पर सदा गवाही देंगे हम।
करते हैं ईश्वर का स्तुतिगान, नाचते ही रहते हम।
ईश-राज्य में आनंदित, नए जीवन को सराहते हम।
ईश्वर ने पूरी तरह बचाया हमें, बन गए उसके जन हम।
उसके सिंहासन के आगे उन्नत होना है अतुल्य आनंद।
राज्य में नए जीवन की स्तुति।