269 क्रूस पर चढ़ते समय पतरस की प्रार्थना
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हे ईश्वर! वो समय आ गया है,
जो तूने मेरे लिए तय किया।
मुझे तेरे लिए क्रूस पर चढ़ना है,
तेरे लिए ये गवाही देनी है।
आशा है, मेरा प्रेम तुझे संतुष्ट कर पाएगा,
कि ये और शुद्ध हो पाएगा।
तेरे लिए क्रूस पर चढ़ाया जाना,
मर जाना, मुझे सुकून दे, आश्वासन दे।
तेरे लिए क्रूस पर चढ़ने,
तेरी इच्छा पूरी करने, खुद को तुझे देने,
तुझे अपना जीवन अर्पित करने से
ज्यादा कुछ मुझे तृप्त न करे।
हे ईश्वर! तू कितना प्यारा है!
अगर मुझे तू और जीवन बख्श देता,
तो जब तक जीता, तुझसे और
ज्यादा प्यार करना चाहता।
और गहराई से तुझे प्रेम करना चाहूँ मैं।
तू मेरा न्याय करता, मुझे ताड़ना देता,
तू मेरी परीक्षा लेता क्योंकि
मैंने पाप किया है, मैं धार्मिक नहीं हूँ।
तेरा धार्मिक स्वभाव मेरे लिए
और स्पष्ट होता जाता है।
मैं धन्य हूँ, क्योंकि तुझे और प्रेम कर सकता हूँ,
चाहे तू मुझे प्यार न भी करे।
मैं तेरा धार्मिक स्वभाव देखना चाहता हूँ,
ताकि एक सार्थक जीवन जीने में और समर्थ बनूँ।
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तेरे लिए क्रूस पर चढ़ते हुए लगे जैसे
मेरे जीवन के और अधिक मायने हैं।
तेरे लिए मेरा मरना सार्थक है।
फिर भी मुझे संतुष्टि न मिले,
क्योंकि तेरे बारे में मेरा ज्ञान अब भी थोड़ा है।
हूँ मैं जानता कि मैं तेरी इच्छापूर्ति
पूरी तरह कर सकता नहीं,
मैंने तुझे जो प्रतिफल दिया, वो बहुत थोड़ा है।
अपने जीवन में, अपना सब-कुछ
तुझे लौटाने से मैं बहुत दूर हूँ।
इस पल के बारे में सोचूँ तो, तेरा कर्जदार हूँ।
यही पल है अपनी गलतियों की भरपाई करने
और बकाया प्रेम चुकाने के लिए।