234 ईश्वर के विश्वासियों को उसकी वर्तमान इच्छा खोजनी चाहिए
1
कई लोग मानते, बाइबल को समझना और उसकी व्याख्या करना
सच्चा मार्ग खोजने के समान है— पर क्या चीज़ें इतनी सरल हैं?
बाइबल की हक़ीक़त कोई नहीं जानता।
बस इतिहास के अभिलेख हैं, पिछले ईश काम की गवाही हैं,
इससे ईश काम के लक्ष्य को न जान पाओगे।
चूँकि तुम विश्वास करते, जीवन का अनुसरण करते,
चूँकि तुम ईश-ज्ञान का अनुसरण करते,
मृत शब्दों, सिद्धांतों या इतिहास के ज्ञान के पीछे नहीं भागते,
इसलिए ईश्वर की आज की इच्छा खोजो,
पवित्र आत्मा के काम की दिशा तलाशो।
2
हर कोई जो बाइबल पढे, जाने इसमें है ईश-कार्य के दो चरण,
जो किए गए व्यवस्था और अनुग्रह के युग में।
पुराने नियम में इस्राएल और यहोवा के काम का इतिहास है,
सृष्टि से लेकर व्यवस्था के युग के अंत तक का।
नए नियम में दर्ज है धरती पर जो काम यीशु ने किया
और पौलुस का काम भी। क्या ये ऐतिहासिक अभिलेख नहीं?
चूँकि तुम विश्वास करते, जीवन का अनुसरण करते,
चूँकि तुम ईश-ज्ञान का अनुसरण करते,
मृत शब्दों, सिद्धांतों या इतिहास के ज्ञान के पीछे नहीं भागते,
इसलिए ईश्वर की आज की इच्छा खोजो,
पवित्र आत्मा के काम की दिशा तलाशो।
3
गर तुम सिर्फ़ बाइबल को समझते,
आज ईश-काम के बारे में नहीं जानते
गर तुम पवित्रात्मा का काम नहीं खोजते,
तो तुम नहीं समझते अर्थ ईश्वर को खोजने का।
गर तुम बाइबल पढ़ते, समझने को इस्राएल का इतिहास,
ईश्वर द्वारा स्वर्ग और धरती का सृजन, तो तुम नहीं हो विश्वासी।
गर प्राचीन संस्कृतियों पर शोध करते हो, तो तुम बाइबल पढ़ सकते,
पर तुम हो ईश्वर के विश्वासी, तुम उसकी इच्छा खोजो अभी की।
चूँकि तुम विश्वास करते, जीवन का अनुसरण करते,
चूँकि तुम ईश-ज्ञान का अनुसरण करते,
मृत शब्दों, सिद्धांतों या इतिहास के ज्ञान के पीछे नहीं भागते,
इसलिए ईश्वर की आज की इच्छा खोजो,
पवित्र आत्मा के काम की दिशा तलाशो।
पवित्र आत्मा के काम की दिशा तलाशो।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, बाइबल के विषय में (4) से रूपांतरित