152 मधुर प्रेम का गीत
1
तेरा प्रेम छुपा है मेरे दिल में।
ये ले जाता है मुझे तेरे करीब।
तेरे दिल की सेवा करने से, मेरा दिल बेहतर बना।
मैं करता हूँ सेवा तेरी तन-मन से,
मुझे न और कुछ चाहिए।
तू दिखाता है राह मेरे दिल को वचनों से,
मैं चलता हूँ तेरे पीछे।
तेरी इच्छानुसार काम करुँगा मैं,
तुझे संतुष्ट करना लगता है सर्वोत्तम।
तू लाया है मुझे एक बेहतर जगह,
इस सूरत में है बस तू और मैं।
न फ़िक्र है, न दर्द की याद है कोई।
दूर होती भ्रष्टता मेरी तेरे वचन से,
भर देते वे मेरे दिल को।
मुझे तुझसे प्रेम है,
मेरे जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा हैं वचन तेरे।
तेरे द्वारा बचाया जाना मेरा सौभाग्य है।
सदा मैं तुम्हें प्रेम करूँगा, सदा मैं तेरी स्तुति करूँगा।
हालेल्लू-हालेल्लुया! हालेल्लू-हालेल्लुया!
हालेल्लू-हालेल्लुया! हो स्तुति परमेश्वर की।
2
हमारा प्यार हमें खुशियाँ है देता ये प्यार हमें अन्तरंग बनाता।
मैं जानता हूँ तेरे मन को मानूंगा मैं जरूर।
कभी न जाऊँगा खिलाफ़ तेरे मैं,
सामने रहूँगा हमेशा तेरे मैं।
तेरे वचनों पर मनन करता हूँ,
तू जो है उसे संजोता हूँ।
दूर होती भ्रष्टता मेरी तेरे वचन से,
भर देते वे मेरे दिल को।
मुझे तुझसे प्रेम है,
मेरे जीवन का सबसे बड़ा हिस्सा हैं वचन तेरे।
तेरे द्वारा बचाया जाना मेरा सौभाग्य है।
सदा मैं तुम्हें प्रेम करूँगा, सदा मैं तेरी स्तुति करूँगा।
हालेल्लू-हालेल्लुया! हालेल्लू-हालेल्लुया!
हालेल्लू-हालेल्लुया! हो स्तुति परमेश्वर की।