277 जो परमेश्वर के स्वभाव को भड़काता है उसे अवश्य दंडित किया जाना चाहिए
1
ईश्वर इंसान की सियासत का भागीदार नहीं,
लेकिन किस्मत लिखे वही हर देश, दुनिया और कायनात की।
इंसान की किस्मत और ईश-योजना हैं गहराई से जुड़े।
कोई देश या इंसान ईश्वर के शासन से अलग नहीं।
अपनी किस्मत जानना चाहो तो आओ ईश्वर के सामने।
करो आराधना, अनुसरण उसका, संपन्न बनाएगा तुम्हें वो।
जो उसका विरोध करें, उसे नकारें, तबाह होंगे वो।
2
याद करो जब सदोम को तबाह किया था ईश्वर ने,
जब नमक का खंभा बनी लूत की पत्नी,
याद करो कैसे नीनवे के लोगों ने राख मली, टाट पहना, पश्चात्ताप किया।
अपनी किस्मत जानना चाहो तो आओ ईश्वर के सामने।
करो आराधना, अनुसरण उसका, संपन्न बनाएगा तुम्हें वो।
जो उसका विरोध करें, उसे नकारें, तबाह होंगे वो।
3
यहूदियों को याद करो, जिन्होंने 2000 साल पहले
यीशु को क्रूस पर चढ़ाया। इसके नतीजे याद करो।
निकाले गए वे इस्राएल से, इधर-उधर बिखर गए।
कईयों को मिली मौत, देश उनके तबाह हुए,
कभी न दिखी थी ऐसी तबाही।
ईश्वर को क्रूस पर चढ़ाकर, उसके स्वभाव को भड़काया।
जो किया उन्होंने, उसी का फल पाया।
ईश्वर की निंदा की उन्होंने, उसका दंड तो मिलना ही था।
ये था परिणाम, वो बड़ी तबाही, जो शासक अपने देश, अपने मुल्क पर लाये।
अपनी किस्मत जानना चाहो तो आओ ईश्वर के सामने।
करो आराधना, अनुसरण उसका, संपन्न बनाएगा तुम्हें वो।
जो उसका विरोध करें, उसे नकारें, तबाह होंगे वो।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 2: परमेश्वर संपूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियंता है से रूपांतरित