992 परमेश्वर द्वारा मनुष्य की दी गयी तीन चेतावनियाँ
परमेश्वर के देहधारण और देह में कार्य के,
हैं बड़े मायने इन्सान के लिए,
देह और दूषण में जी रहे हर इन्सान के वास्ते,
उसकी इच्छा और स्वभाव के मायने हैं और भी बड़े।
अब जानते हो तुम परमेश्वर का स्वरूप, स्वभाव।
क्या जानते हो तुम्हें उससे कैसे पेश आना चाहिए?
परमेश्वर देता तुम सबको तीन चेतावनियाँ।
गर निभा सको तुम इन्हें पूरी क्षमता से, तो रहोगे तुम सुरक्षित,
परमेश्वर को क्रोध अब न दिलाओगे।
1
न लो परीक्षा परमेश्वर की।
चाहे कितना भी समझो उसे,
चाहे कितना भी जानो उसे, न लो परीक्षा परमेश्वर की।
पद के लिए न झगड़ो परमेश्वर से।
चाहे कोई भी पद तुम्हें वो सौंपे, चाहे कोई भी काम तुम्हें वो सौंपे,
चाहे जिस भी कर्तव्य के लिए तुम्हें वो उठाये,
चाहे उसके लिए कितने भी त्याग किये हों तुमने,
पद के लिए न झगड़ो परमेश्वर से।
2
परमेश्वर से मुकाबला न करो।
परमेश्वर जो करता तुम्हारे साथ,
चाहे उसे समझो न समझो, पालन करो न करो,
तुम्हारे लिए उसकी व्यवस्था का पालन करो न करो,
तुम्हारे लिए लाता है जो उसका पालन करो न करो,
पर परमेश्वर से मुकाबला न करो।
अब जानते हो तुम परमेश्वर का स्वरूप, स्वभाव।
क्या जानते हो तुम्हें उससे कैसे पेश आना चाहिए?
परमेश्वर देता तुम सबको तीन चेतावनियाँ।
गर निभा सको तुम इन्हें पूरी क्षमता से, तो रहोगे तुम सुरक्षित,
परमेश्वर को क्रोध अब न दिलाओगे।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III से रूपांतरित