678 केवल कष्ट और शोधन के ज़रिये ही तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जा सकते हो
1
सच्चा प्रेम ईश्वर का है उसका स्वभाव।
और जब उसकी धार्मिकता दिखाई जाएगी,
तुम बहुत पीड़ा भुगतोगे, बहुत पीड़ा भुगतोगे।
बिना इसके तुम कभी नहीं कर सकते ईश्वर से सच्चा प्रेम।
गर ईश्वर तुमको पूर्ण बनाए, तो वो तुम्हें अपना पूर्ण स्वभाव दिखाए।
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
कष्ट और शोधन के माध्यम से,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
कष्ट और शोधन के माध्यम से।
और ईश्वर इंसान के प्रेम को शुद्ध करे
केवल शोधन के ज़रिये, शोधन के ज़रिये।
2
सृष्टि की रचना से आज तक, अपना संपूर्ण स्वभाव,
ईश्वर ने कभी भी, कभी भी इंसान को नहीं दिखाया।
पर अंत के दिनों के दौरान, ईश्वर ये सब प्रकट करे
इस पूर्वनियत समूह के लिए जिसे उसने प्राप्त करने के लिए चुना।
लोगों को पूर्ण करके, वो अपना स्वभाव प्रकट करे,
और इससे लोगों के एक समूह को पूरा करे।
ऐसा है ईश्वर का सच्चा प्रेम इंसान के लिए।
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
कष्ट और शोधन के माध्यम से,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
कष्ट और शोधन के माध्यम से।
और ईश्वर इंसान के प्रेम को शुद्ध करे
केवल शोधन के ज़रिये, शोधन के ज़रिये।
3
ईश्वर का सच्चा प्रेम अनुभव करने के लिए,
इंसान को बहुत पीड़ा सहनी होगी,
ऊंची कीमत चुकानी होगी।
तभी वे ईश्वर द्वारा प्राप्त किए जा सकेंगे
और ईश्वर को अपना सच्चा प्रेम लौटा पाएंगे।
केवल तभी ईश्वर संतुष्ट होगा।
गर लोग पूर्ण बनाए जाना चाहें, ईश्वर की इच्छा पूरी करना चाहें,
और उसे अपना सच्चा प्रेम देना चाहें,
तो उन्हे पीड़ा अनुभव करनी होगी।
उन्हें बहुत पीड़ा सहनी होगी, मृत्यु से भी बदतर पीड़ा।
और अंत में, वे बाध्य होंगे ईश्वर को अपना सच्चा हृदय वापस देने के लिए।
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
कष्ट और शोधन के माध्यम से,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,
कष्ट और शोधन के माध्यम से।
और ईश्वर इंसान के प्रेम को शुद्ध करे केवल शोधन के ज़रिये।
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम शोधन के ज़रिये प्रकट होता है।
ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम शोधन के ज़रिये प्रकट होता है।
सच्चा प्रेम प्रकट होता है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है से रूपांतरित