656 परीक्षणों की पीड़ा एक आशीष है

1 निराश न हो, कमज़ोर न बनो, मैं तुम्हारे लिए चीज़ें स्पष्ट कर दूँगा। राज्य की राह इतनी आसान नहीं है; कुछ भी इतना सरल नहीं है! तुम चाहते हो कि आशीष आसानी से मिल जाएँ। आज हर किसी को कठोर परीक्षणों का सामना करना होगा। बिना इन परीक्षणों के मुझे प्यार करने वाला तुम लोगों का दिल मजबूत नहीं होगा और तुम्हें मुझसे सच्चा प्यार नहीं होगा। यदि ये परीक्षण केवल मामूली परिस्थितियों से युक्त भी हों, तो भी सभी को इनसे गुज़रना होगा; अंतर केवल इतना है कि परीक्षणों की कठिनाई हर एक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होगी। परीक्षण मेरे आशीष हैं, और तुममें से कितने मेरे सामने आकर घुटनों के बल गिड़गिड़ाकर मेरे आशीष माँगते हैं? तुम्हें हमेशा लगता है कि कुछ मांगलिक वचन ही मेरा आशीष होते हैं, किंतु तुम्हें यह नहीं लगता कि कड़वाहट भी मेरे आशीषों में से एक है।

2 जो लोग मेरी कड़वाहट में हिस्सा बँटाते हैं, वे निश्चित रूप से मेरी मिठास में भी हिस्सा बँटाएँगे। यह मेरा वादा है और तुम लोगों को मेरा आशीष है। मेरे वचनों को खाने-पीने और उनका आनंद लेने में संकोच न करो। जब अँधेरा छँटता है, रोशनी हो जाती है। भोर होने से पहले अँधेरा सबसे घना होता है; उसके बाद धीरे-धीरे उजाला होता है, और तब सूर्य उदित होता है। डरपोक या कायर मत बनो। आज्ञाकारी और विनम्र व्यक्ति महान आशीष प्राप्त करेंगे। कलीसिया में मेरी गवाही में दृढ़ रहो, सत्य पर टिके रहो; सही सही है और गलत गलत है। काले और सफ़ेद के बीच भ्रमित मत होओ। तुम शैतान के साथ युद्ध करोगे और तुम्हें उसे पूरी तरह से हराना होगा, ताकि वह फिर कभी न उभरे।

3 मेरी गवाही की रक्षा के लिए तुम्हें अपना सब-कुछ देना होगा। यह तुम लोगों के कार्यों का लक्ष्य होगा—इसे मत भूलना। लेकिन अभी तुम लोगों में विश्वास की और चीज़ों में अंतर करने की क्षमता में कमी है और तुम हमेशा मेरे वचनों और इरादों को समझने में असमर्थ रहते हो। फिर भी, चिंता मत करो; हर चीज़ मेरे चरणों के अनुसार आगे बढ़ती है। मेरे समक्ष अधिक समय बिताओ और भोजन और कपड़ों को महत्त्व न दो, जो केवल भौतिक शरीर के लिए हैं। अकसर मेरे इरादों का पता लगाओ, और मैं स्पष्ट रूप से तुम्हें दिखाऊँगा कि वे क्या हैं। धीरे-धीरे तुम्हें हर चीज़ में मेरा इरादा दिखाई देगा, क्योंकि हर इंसान के लिए मेरे पास एक निर्बाध मार्ग होगा। इससे मेरे दिल को संतुष्टि मिलेगी और मेरी इच्छा का कार्यान्वयन होगा।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 41 से रूपांतरित

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