149 जब तू मेरे सामने आएगा, तो मैं तेरे मुस्कुराते हुए चेहरे का स्वागत करूँगा
1
एक परिचित आवाज मुझे बार-बार पुकारती है,
मेरी आत्मा को जगाती है, मुझे लंबी नींद से उठाती है।
धुंध के बीच से मैं तेरा मुस्कुराता चेहरा देखता हूँ।
कभी सपने में भी न सोचा था, मैं परमेश्वर का चेहरा देखूँगा।
मैं एक भ्रष्ट इंसान, नहीं मेरा कोई सम्मान,
फिर भी सबसे महान और आलीशान राजा मेरी और आ रहा है।
तेरे वचन मुझे खींचते हैं, मेरा दिल आनंदमग्न है।
हर दिन तेरे सामने रहना मधुर और सुखद है।
2
शांत रहकर तेरे सामने, मैं तेरे वचन सुनता हूँ।
तेरे वचनों में स्नेह और शक्ति है।
तेरे न्याय और ताड़ना में जो प्रेम है, उसने मेरे दिल को जगा दिया है।
मैं देखता हूँ, तेरे वचन सत्य हैं, बहुत कीमती हैं!
तेरा प्रेम बहुत सच्चा और सुंदर है,
वो मेरे दिल को भर देता है, मेरे प्रेम को आंदोलित करता है।
तुझमें बहुत-कुछ प्रेम करने योग्य है और वो सब मेरे दिल पर अंकित है।
तुझे अपना दिल और प्रेम देना मेरी चाहत है।
3
इस समय तू कहाँ है, मेरे प्रियतम?
तेरे प्रेम के लिए तड़पते हुए, मैं लंबी रातों में जागता हूँ।
तू मुझसे प्रेम करता है, फिर क्यों मुझसे छिपता है?
मेरा दिल बेचैन होता, जब मैं तेरा चेहरा न देख पाऊँ।
क्लेशों और परीक्षणों में मैं तुझे पुकारता, ढूँढ़ता हूँ।
तेरे वचनों के मार्गदर्शन में, जैसे मैं तेरा चेहरा देखता हूँ।
तुझे पूरे दिल से प्रेम करके, तेरे कदमों के साथ चलकर, मेरी आस्था मजबूत होती है।
तेरे वचनों के सहारे जीकर, मुझे चैन और सुकून मिलता है।
तेरा वचन सत्य है, मेरे दिल पर छा गया है।
तेरे वचनों के सहारे जीना परमानंद है।
मैं तुझसे प्रेम करना, तेरी गवाही देना और आजीवन तेरा अनुसरण करना चाहता हूँ।
फिर, मेरी गवाही पूरी होने पर, जब तू मेरे सामने आएगा, तो मैं तेरे मुस्कुराते हुए चेहरे का स्वागत करूँगा।