381 किस तरह का व्यक्ति बचाया नहीं जा सकता?
बचाया जाना निर्भर नहीं है काम या काबिलियत पर।
निर्भर है इस पर कि तुम्हारे अनुसरण ने
फल दिया है या नहीं, फल दिया है या नहीं।
1
सड़कों पर भले ही भटके हो तुम कई साल, पर कहाँ है गवाही तुम्हारी?
ईश्वर के लिए तुम्हारी श्रद्धा कम है वासनाओं और खुद के लिए प्यार से।
तुम कैसे हो सकते प्रतिमान उद्धार का?
तुम्हारी न बदलने वाली, विद्रोही प्रकृति उससे परे है।
क्या तुम हटाए नहीं जाओगे?
परमेश्वर के काम का अंत क्या तुम्हारा अंतिम दिन नहीं होगा?
बचाया जाना निर्भर नहीं है काम या काबिलियत पर।
निर्भर है इस पर कि तुम्हारे अनुसरण ने
फल दिया है या नहीं, फल दिया है या नहीं।
2
ईश्वर ने किए बहुत-से कार्य, बोले अनेक वचन,
तुमने कितने सुने, कितने माने?
जब उसका काम ख़त्म होगा तब तुम उसका विरोध करना छोड़ोगे।
उसके काम के दौरान तुमने उसके खिलाफ़ काम किया,
खुद का "काम" और राज्य बनाया।
लोमड़ियों और कुत्तों की फ़ौज, तुम्हारे सारे काम उसके खिलाफ़ हैं।
बाँहों में भरना चाहो उन्हें जो प्यार करते तुम्हें,
कहाँ है श्रद्धा तुम्हारी ओ कपटी लोगो?
ईशनिंदा करने वाले अश्रद्धालु क्या बचाए जा सकेंगे?
बचाया जाना निर्भर नहीं है काम या काबिलियत पर।
निर्भर है इस पर कि तुम्हारे अनुसरण ने
फल दिया है या नहीं, फल दिया है या नहीं।
3
इस सत्य, मार्ग और जीवन में तुम्हारी रुचि नहीं,
इसके बजाय तुम चाहते पाप, दौलत-शोहरत,
मौज-मस्ती, वासना देह की।
कैसे प्रवेश कर सकते तुम ईश्वर के राज्य में?
तुम्हारी छवि और हैसियत तो है ईश्वर से भी बड़ी।
तुम इंसानों के आदर्श बन गए हो। क्या तुम महादूत नहीं बन गए हो?
बचाया जाना निर्भर नहीं है काम या काबिलियत पर।
निर्भर है इस पर कि तुम्हारे अनुसरण ने
फल दिया है या नहीं, फल दिया है या नहीं।
जब इंसान के नतीजे प्रकट किए जाएँगे,
जब उद्धार का काम ख़त्म हो रहा होगा,
तो कई बन चुके होंगे लाश, उद्धार से परे, उन्हें हटाना ही होगा।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अभ्यास (7) से रूपांतरित