380 परमेश्वर से विश्वासघात करने के खतरनाक परिणाम
1 शैतान द्वारा भ्रष्ट की गई सभी आत्माएँ, शैतान के अधिकार क्षेत्र के नियंत्रण में हैं। केवल वे लोग जो मसीह में विश्वास करते हैं, शैतान के शिविर से बचा कर, अलग कर दिए गए हैं, और आज के राज्य में लाए गए हैं। अब ये लोग शैतान के प्रभाव में नहीं रहे हैं। फिर भी, मनुष्य की प्रकृति अभी भी मनुष्य के शरीर में जड़ जमाए हुए है। भले ही तुम लोगों की आत्माएँ बचा ली गई हैं, तुम लोगों की प्रकृति अभी भी पहले जैसी ही है और इस बात की अभी भी सौ प्रतिशत संभावना है कि तुम लोग मेरे साथ विश्वासघात करोगे। यही कारण है कि मेरा कार्य इतने लंबे समय तक चलता है, क्योंकि तुम्हारी प्रकृति दु:साध्य है।
2 अब तुम अपने कर्तव्यों को पूरा करते हुए इतने अधिक कष्ट उठा रहे हो जितने तुम उठा सकते हो, फिर भी तुम लोगों में से प्रत्येक मुझे धोखा देने और शैतान के अधिकार क्षेत्र, उसके शिविर में लौटने, और अपने पुराने जीवन में वापस जाने में सक्षम है—यह एक अखंडनीय तथ्य है। उस समय, तुम लोगों के पास लेशमात्र भी मानवता या मनुष्य से समानता दिखाने के लिए नहीं होगी, जैसी तुम अब दिखा रहे हो। गंभीर मामलों में, तुम लोगों को नष्ट कर दिया जाएगा और इससे भी बढ़कर तुम लोगों को, फिर कभी भी देहधारण नहीं करने के लिए, बल्कि गंभीर रूप से दंडित करने के लिए अनंतकाल के लिए अभिशप्त कर दिया जाएगा। मेरा कार्य लोगों की आत्माओं को बचाने का कार्य है। यदि तुम्हारी आत्मा शैतान के हाथों में पड़ जाती है, तो तुम्हारा शरीर शांति में नहीं रहेगा।
3 यदि मैं तुम्हारे शरीर की रक्षा कर रहा हूँ, तो तुम्हारी आत्मा भी निश्चित रूप से मेरी देखभाल के अधीन होगी। यदि मैं तुमसे सच में घृणा करूँ, तो तुम्हारा शरीर और आत्मा तुरंत शैतान के हाथों में पड़ जाएँगे। क्या तुम कल्पना कर सकते हो कि तब तुम्हारी स्थिति किस तरह की होगी? यदि किसी दिन मेरे वचनों का तुम पर कोई असर न हुआ, तो मैं तुम सभी लोगों को तब तक के लिए घोर यातना देने के लिए शैतान को सौंप दूँगा जब तक कि मेरा गुस्सा पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, अथवा मैं कभी न सुधर सकने योग्य तुम मानवों को व्यक्तिगत रूप से दंडित करूँगा, क्योंकि मेरे साथ विश्वासघात करने वाले तुम लोगों के हृदय कभी नहीं बदलेंगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, एक बहुत गंभीर समस्या : विश्वासघात (2) से रूपांतरित