612 ईश्वर की सेवा करने वाला बनने के लिए क्या चाहिए
1
अगर तुम ईश-वचन खाने-पीने में परिणाम पाना चाहो,
तो त्यागो धर्म से जुड़ी सभी धारणाओं को।
ईश्वर की सेवा करने के लिए ज़रूरी है ये करना,
और हर पल ईश-वचनों का पालन करना।
अगर तुम ये नहीं जानते, तो सेवा करते हुए बाधा डालोगे।
ऐसा रहा, तो गिरा दिये जाओगे, उठ न पाओगे ।
बाइबल से और पहले से अलग है अब ईश्वर का ये काम;
अगर तुमने पालन न किया, तो कभी भी गिर पड़ोगे।
ईश्वर की सेवा करने वाला बनने के लिए ज़रूरी है
कि तुम अनुसरण कर सको ईश्वर के दिल का,
ईश्वर के उपयोग के लायक हो,
त्याग सको धर्म से जुड़ी सभी धारणाओं को।
ईश्वर की सेवा के लिए यही चाहिए।
2
ईश-इच्छा के अनुरूप सेवा करने को, अपनी सोच को सुधारो।
जो कहा जाएगा, न होगा वो पहले कहे गए जैसा।
गर आज्ञापालन का इरादा नहीं है तुममें,
तो आगे की राह पर नहीं चल पाओगे।
ईश्वर की सेवा करने वाला बनने के लिए ज़रूरी है
कि तुम अनुसरण कर सको ईश्वर के दिल का,
ईश्वर के उपयोग के लायक हो,
त्याग सको धर्म से जुड़ी सभी धारणाओं को।
ईश्वर की सेवा के लिए यही चाहिए।
ईश्वर के काम करने का कोई तरीका जो जड़ें जमा ले तुममें,
जो तुम उसे कभी न छोड़ो, तो वो धारणा बन जाएगा।
अगर ईश्वर का स्वरूप जड़ें जमा ले तुममें, तो सत्य पा लोगे तुम।
जो बन जाएँ जीवन तुम्हारा ईश-वचन और सत्य,
तो तुममें ईश्वर की धारणाएँ न रहेंगी।
ईश्वर का सच्चा ज्ञान होने पर, तुम सिद्धांत पर टिके न रहोगे।
ईश्वर की सेवा करने वाला बनने के लिए ज़रूरी है
कि तुम अनुसरण कर सको ईश्वर के दिल का,
ईश्वर के उपयोग के लायक हो,
त्याग सको धर्म से जुड़ी सभी धारणाओं को।
ईश्वर की सेवा के लिए यही चाहिए।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जो परमेश्वर के आज के कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर की सेवा कर सकते हैं से रूपांतरित