317 परमेश्वर चुपचाप मनुष्य के शब्दों और कर्मों को देखता है
1 जब मैं मनुष्य को अपनी विपुलता प्रदान करता हूँ, तो वह उसे छाती से नहीं लगाता, बल्कि उसे ऐसी जगह पर फेंक देता है, जहाँ उस पर कोई ध्यान नहीं देता। जब मेरा दिन मनुष्य पर उतरेगा, तो वह मेरी विपुलता को खोज पाने या सत्य के उन कड़वे वचनों का पता लगा पाने में समर्थ नहीं होगा, जो मैंने उसे बहुत पहले बोले थे। वह बिलखेगा और रोएगा, क्योंकि उसने प्रकाश की चमक खो दी है और अंधकार में गिर गया है। आज तुम लोग जो देखते हो, वह मात्र मेरे मुँह की तीखी तलवार है। तुमने मेरे हाथ में छड़ी या उस ज्वाला को नहीं देखा है, जिससे मैं मनुष्य को जलाता हूँ, और इसीलिए तुम लोग अभी भी मेरी उपस्थिति में अभिमानी और असंयमी हो। इसीलिए तुम लोग उस बात पर अपनी इंसानी ज़बान से विवाद करते हुए, जो मैंने तुम लोगों से कही थी, अभी भी मेरे घर में मुझसे लड़ते हो।
2 मनुष्य मुझसे नहीं डरता, और यद्यपि आज भी वह मेरे साथ शत्रुता जारी रख रहा है, उसे बिल्कुल भी कोई भय नहीं है। तुम लोगों के मुँह में अधर्मी जिह्वा और दाँत हैं। तुम लोगों के वचन और कार्य उस साँप के समान हैं, जिसने हव्वा को पाप करने के लिए बहकाया था। तुम एक-दूसरे से आँख के बदले आँख और दाँत के बदले दाँत की माँग करते हो, और तुम अपने लिए पद, प्रतिष्ठा और लाभ झपटने के लिए मेरी उपस्थिति में संघर्ष करते हो, लेकिन तुम लोग नहीं जानते कि मैं गुप्त रूप से तुम लोगों के वचनों एवं कर्मों को देख रहा हूँ। इससे पहले कि तुम लोग मेरी उपस्थिति में आओ, मैंने तुम लोगों के हृदयों की गहराइयों की थाह ले ली है।
3 मनुष्य हमेशा मेरे हाथ की पकड़ से बच निकलना और मेरी आँखों के अवलोकन से बचना चाहता है, किंतु मैं कभी उसके कथनों या कर्मों से कतराया नहीं हूँ। इसके बजाय, मैं उद्देश्यपूर्वक उन कथनों और कर्मों को अपनी नज़रों में प्रवेश करने देता हूँ, ताकि मैं मनुष्य की अधार्मिकता को ताड़ना दे सकूँ और उनके विद्रोह का न्याय कर सकूँ। इस प्रकार, मनुष्य के गुप्त कथन और कर्म हमेशा मेरे न्याय के आसन के सामने रहते हैं, और मेरे न्याय ने मनुष्य को कभी नहीं छोड़ा है, क्योंकि उसका विद्रोह बहुत ज़्यादा है। मेरा कार्य मनुष्य के उन सभी वचनों और कर्मों को जलाकर शुद्ध करना है, जो मेरे आत्मा की उपस्थिति में कहे और किए गए थे। इस तरह से, जब मैं पृथ्वी से चला जाऊँगा, तब भी लोग मेरे प्रति वफादारी बनाए रखेंगे, और मेरी सेवा उसी तरह से करेंगे, जैसे मेरे पवित्र सेवक मेरे कार्य में करते हैं, और पृथ्वी पर मेरे कार्य को उस दिन तक जारी रहने देंगे, जब तक कि वह पूरा न हो जाए।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्य को बचाने का कार्य भी है से रूपांतरित