मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ
भजन की यह किताब दो मुख्य भागों में विभाजित है : पहले खंड में परमेश्वर के वचनों के भजन शामिल हैं, जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर से मिले अत्यावश्यक कथनों से बने हैं, और दूसरे में परमेश्वर के चुने हुओं की वास्तविक गवाहियाँ है जो परमेश्वर के न्याय से गुज़रने और उसका अनुसरण करने में आई कठिनाइयों और यंत्रणाओं को झेलने के बाद दी गयी हैं। ये भजन, परमेश्वर के चुने हुए लोगों की आध्यात्मिक भक्ति के लिए बहुत ही लाभकारी हैं, इससे उन्हें परमेश्वर के करीब आने, परमेश्वर के वचनों के चिंतन और सत्य समझने में बहुत मदद मिलेगी; इसके अलावा, ये भजन परमेश्वर के वचनों का अनुभव करने वाले और उनके वचनों की वास्तविकता में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए बहुत हितकर हैं।
जीवन-प्रवेश पर पुस्तकें
1मनुष्य का पुत्र आता है धरती पर
3सर्वशक्तिमान परमेश्वर, पहला और अंतिम
4सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंत के दिनों का मसीह
5सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रकट हुआ है दुनिया के पूरब में
6अंत के दिनों का मसीह, मानव जाति का उद्धारकर्ता
8मसीह के राज्य का अवतरण हुआ है धरती पर
9मसीह का धर्मी राज्य साकार हुआ है
10मसीह का राज्य इंसानों के बीच साकार हुआ है
11ईश्वर का राज्य धरती पर आया है
13एकमात्र सच्चा परमेश्वर हुआ है प्रकट देह में
14पूरब में प्रकट होते अंत के दिनों के मसीह
15धार्मिक, सर्वशक्तिमान और व्यावहारिक परमेश्वर
16सर्वशक्तिमान परमेश्वर, महिमा का राजा
17सिंहासन पर विराजमान है परमेश्वर
19राज्य के नज़ारे लगते हैं नये सदा
20सहस्त्राब्दी का राज्य नज़र आता है
21सभी इंसानो, परमेश्वर की आराधना करने आओ
22सर्वशक्तिमान परमेश्वर का आना कितना अद्भुत है
23परमेश्वर के वचन करते हैं चमत्कार
24हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम कितने महिमावान हो
25हम गीत गाते, स्तुति करते हैं परमेश्वर की
26सर्वशक्तिमान परमेश्वर का गुणगान करो
27सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही है जो हमें बचाता है
28परमेश्वर की महिमा गाते, हम मिलकर आनंद मनाते
30सर्वशक्तिमान परमेश्वर का धन्यवाद और यशगान
31भरपूर स्तुति करते उसकी सभी परमेश्वर-जन
32हम तेरी आराधना करते हैं देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर
33सर्वशक्तिमान परमेश्वर की विजय का गुणगान करो
34सिंहासन के चारों ओर, नाचो चारों ओर
35उठो और परमेश्वर के लिए नृत्य करो
36ऊँचे सुर में स्तुति करो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की
37हो चुका है पूरा महान कार्य परमेश्वर का
38परमेश्वर के महिमा पा लेने पर उसका गुणगान करो
39पूरी कायनात भरी है परमेश्वर की स्तुति से
40परमेश्वर के लिए हमेशा स्तुति के गीत गाओ
41सर्वशक्तिमान परमेश्वर का गुणगान कभी न ख़त्म होगा
42परमेश्वर के महान कार्य के पूरा होने की सराहना करो
43सिय्योन में परमेश्वर की वापसी का गुणगान करो
44हम परमेश्वर के घर में इकट्ठा होते हैं
45कलीसिया में हम साथ एकत्र होते हैं
46मसीह का राज्य है स्नेह से भरा घर
47बहुत आनंदमय है कलीसियाई जीवन
48कितना प्यारा है कलीसियाई जीवन
50परमेश्वर का प्रेम हमें करीब लाता है
51परमेश्वर के सामने जीना कितना आनंदमय है
53परमेश्वर के सामने लौट आना सचमुच एक आशीष है
55हम भाग्यशाली हैं कि हम परमेश्वर के आगमन के साक्षी हैं
56वापसी
59सत्य को स्वीकार करना बुद्धिमान कुँवारी होना है
60हम सभी पीढ़ियों में सबसे धन्य हैं
61परमेश्वर के प्रेम का प्रोत्साहन
62परमेश्वर के सामने खुद को शांत करना
63हमें ईश्वर के सामने हमेशा शांत रहना चाहिए
65घेर लेता है मेरे दिल को परमेश्वर का प्रेम
67परमेश्वर की स्तुति में नाचो, गाओ
69परमेश्वर के लिए अपने दिल के प्रेम को गाकर सुनाओ
70परमेश्वर से प्रेम करने वाले दिल से उसकी स्तुति करो
71परमेश्वर को सच्चा प्रेम करना ही सबसे बड़ी ख़ुशी है
72परमेश्वर के लिये प्रेम-गीत सदा गाते रहेंगे हम
73देखें कौन बेहतर गवाही देता है परमेश्वर की
74ओ मेरे प्रिय, मैं तलाश में हूं तुम्हारी
75परमेश्वर का प्रेम सारे विश्व में फैलता है
76परमेश्वर के प्रति मेरा प्रेमपूर्ण लगाव
77सबसे प्यारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर
79सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रिय हमारे
80परमेश्वर के प्रेम का प्रतिदान देना और उसका साक्षी होना
81ओह, परमेश्वर! मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता
82मैं परमेश्वर को प्रेम करना चाहता हूँ
84और गहराई से प्रेम करना चाहता हूँ मैं परमेश्वर को
86सर्वशक्तिमान परमेश्वर मुझसे प्रेम करता है
87परमेश्वर का प्रेम इंसानों के बीच है
88परमेश्वर का प्रेम सच्चा और असली है
89परमेश्वर की मनोहरता सदा हमारे दिल में है
90परमेश्वर का प्रेम सबसे सच्चा है
92हमारा परमप्रिय सर्वशक्तिमान परमेश्वर
93धरती पर सच्चा प्यार पाना क्यों है इतना मुश्किल
96परमेश्वर ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है
97परमेश्वर अब तक कार्य कर रहा है, फिर भी तुम अभी भी समझते क्यों नहीं हो?
98परमेश्वर के प्रेम का गुणगान हो हमेशा
100परमेश्वर का प्रेम प्रतीक्षा कर रहा है
101यदि परमेश्वर ने मुझे बचाया न होता
102परमेश्वर हमारी आत्माओं को एक बार फिर प्रेरित करे
104मैं परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूँ
105परमेश्वर के सामने जी कर मैं बहुत खुश हूँ
106परमेश्वर का प्रेम पाकर सचमुच खुशी मिलती है
107प्रकाश के मार्ग पर मसीह का अनुसरण करो
108परमेश्वर में आस्था बहुत आनंद देती है
111चल रहा हूँ पथ पर राज्य की ओर मैं
112सृजित प्राणी के हृदय की वाणी
113मेरा हृदय परमेश्वर के वचन को सँजोए रखता है
114परमेश्वर की प्रजा की प्रार्थना
115परमेश्वर के वचनों का सत्य बहुत मूल्यवान है
116ईमानदार लोगों में ही होती है इंसानियत
117केवल परमेश्वर से सच्चा प्रेम करने वाले ही ईमानदार हैं
119ईमानदार इंसान बनने में इतना अद्भुत आनंद है
120परमेश्वर का प्रेम सदा हमारे साथ है
121उस इंसान की समानता जिसे परमेश्वर से प्रेम है
122प्रकाश में जीने के लिए ईश्वर से प्रेम करो
123कितने धन्य हैं वे, जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं
124परमेश्वर देता आशीष उन्हें, जो करते प्रेम उसे
125मैंने देखा है प्रेम परमेश्वर का
126जो करते हैं प्यार परमेश्वर से रहते हैं वे रोशनी में
127मैं परमेश्वर की विश्वासपात्र बनना चाहती हूँ
128मैं परमेश्वर के प्रति अनुरक्त हूँ
129मेरे दिल में जो कुछ है मैं वह सब कह नहीं सकता
130परमेश्वर के अनुग्रह की गिनती
131परमेश्वर की दूर जाती आकृति को निहारना
133हम एक दिन अवश्य फिर मिलेंगे
134काश, मैं सदा तुम्हारे साथ रह पाऊँ
136काश मैं हर दिन परमेश्वर के साथ होती
137मैं अनंत काल तक परमेश्वर से प्रेम करूँगा
138जहाँ भी जाओगे, मैं तुम्हें चाहूंगा
139हे परमेश्वर, क्या आप जानते हैं कि मैं आपके लिए कितना लालायित हूँ?
140हे परमेश्वर, मुझे तेरी याद आती है
141सर्वशक्तिमान परमेश्वर के लिये तरसना
142मैं परमेश्वर का प्रेम सदा मन में रखूँगा
143हे परमेश्वर, मेरा दिल हमेशा तुझसे जुड़ा रहेगा
144मेरी दिली तमन्ना परमेश्वर को प्यार करना है
145मैं तेरे साथ आँधी-तूफ़ानों से गुज़र सकता हूँ
146आँधी-तूफानों में भी साथ रहूँगा, मृत्यु तक निष्ठावान रहूँगा
148परमेश्वर से प्रेम करने के प्रयास में परम आनंद है
149जब तू मेरे सामने आएगा, तो मैं तेरे मुस्कुराते हुए चेहरे का स्वागत करूँगा
150सर्वशक्तिमान परमेश्वर आप हैं मालिक मेरे दिल के
153परमेश्वर द्वारा उद्धार से आनंदित हैं हम
154मेरे प्रिय, इंतज़ार करो मेरा
155तुम्हारी रोशनी में आता है हर देश
156परमेश्वर के लिए मेरा प्यार कभी नहीं बदलेगा
158कौन है परमेश्वर के हृदय के लिए विचारवान
159धार्मिकता के लिए कष्ट उठाना
160उथल-पुथल भरा मार्ग मुझे और भी कृतसंकल्प बनाए
163युगों-युगों के संत ज़िंदा किए गए हैं
164मुश्किलों से गुज़रकर परमेश्वर के प्रति मेरा प्रेम और मज़बूत हुआ है
165शाश्वत दाग
166काश हम जान जायें परमेश्वर की मनोहरता
167परमेश्वर का प्रेम साथ हो तो, मुझे किसी का भय नहीं
171दिल की इच्छा
172अपने उद्देश्य के योग्य होना
173उत्पीड़न से मेरा संकल्प और भी मजबूत होता है
174परमेश्वर का अनुसरण बहुत बारीकी से करो
177मैं परमेश्वर की गवाही देने के लिए जीने की शपथ लेती हूँ
179अँधेरे और दमन के बीच उठ खड़े होना
180मैं मरते दम तक निष्ठापूर्वक परमेश्वर का अनुसरण करने की प्रतिज्ञा करती हूँ
181इरादा पक्का है परमेश्वर के अनुसरण का
183परमेश्वर के महिमा दिवस को देखना मेरी अभिलाषा है
184राज्य
186मैं देखता हूँ कि परमेश्वर का प्रेम कितना सच्चा है
187मैं परमेश्वर के प्रेम का प्रतिदान करना चाहता हूँ
188मैं परमेश्वर के प्रति पूर्णत: समर्पित रहने के लिए संकल्पबद्ध हूँ
189न्याय के माध्यम से एक जागृति
190न्याय ने जगा दिया दिल को मेरे
191परमेश्वर के वचनों ने मेरे दिल को जगा दिया
192परमेश्वर का न्याय मुझे पाप से बचाता है
193परमेश्वर के वचन मुझे फिर से उठाते हैं
194परमेश्वर के वचनों द्वारा शुद्ध होना
195सभी चीज़ों में परमेश्वर के आयोजन को मैं सर्मपित हो जाऊँगा
196परमेश्वर से प्रेम करने में कोई पश्चाताप या शिकायत नहीं है
197मैं परमेश्वर से प्रेम करने का प्रयास करने के लिए संकल्पबद्ध हूँ
201सत्य का अनुसरण करना बहुत सार्थक है
202परमेश्वर का प्रेम मेरी आत्मा को जगाता है
203लोगों की ख़ुशामद करने वाले एक व्यक्ति का आत्म-चिंतन
204लोगों को खुश रखने वाले का जागृत होना
205बेड़ियाँ
206मैं परमेश्वर को दोबारा कभी नहीं छोड़ूँगी
207मैं परमेश्वर के वचनों द्वारा जीत लिया जाता हूँ
208परमेश्वर का न्याय एक आशीष है
209न्याय से गुजरने के बाद उपजा पछतावा
211मेरे दिल की गहराई में एक पीड़ा है
214परमेश्वर को सेवा प्रदान करना हमारा सौभाग्य है
215मोआब के वंशजों की ओर से परमेश्वर की स्तुति
216हे परमेश्वर, मैं तुझे छोड़ नहीं सकती
219हे परमेश्वर! मैं सचमुच तेरे प्रेम का हकदार नहीं हूँ
220मैं अपने पुराने रास्तों पर लौटकर परमेश्वर को पीड़ा पहुंचाना नहीं चाहूँगा
222मैंने परमेश्वर की मनोहरता देखी है
224मैं पूरी निष्ठा से परमेश्वर को संतुष्ट करने का निश्चय कर चुका हूँ
225मैं परमेश्वर को अपनी वफादारी अर्पित करना चाहता हूँ
226परमेश्वर के विश्वासियों को क्या खोजना चाहिये
227परमेश्वर में आस्था के माध्यम से सत्य को प्राप्त करना अनमोल है
228अतीत मुझे तलवार की तरह बेधता है
229आत्म-मंथन से मिलता है मार्ग मुझे अनुसरण का
230परमेश्वर के वचनों से दूर रहकर कोई कहीं नहीं पहुँच सकता
231सत्य का अनुसरण किए बिना विफलता निश्चित है
232परमेश्वर ने बहुत प्रतीक्षा की है
233अंतिम क्षणों को संजो कर रखो
234परमेश्वर के हृदय को सुख देने के लिए नया इंसान बनना
235पश्चाताप करके एक नई शुरुआत करना
236आखिरकार मैं एक इंसान की तरह जी रहा हूँ
237परमेश्वर की मनोहरता सदा मेरे मन में रहती है
238परमेश्वर का न्याय बहुत मूल्यवान है
239मुझे परमेश्वर ने ही बचाया है
240मुझे परमेश्वर के प्रेम ने बचाया
241परमेश्वर का प्रेम रहता है मेरे दिल में सदा
242मैंने परमेश्वर के प्रेम का बहुत आनंद लिया है
243मेरे दिल को और कुछ नहीं चाहिए
244परमेश्वर द्वारा इंसान का उद्धार एक सच्चाई है
245मैं आजीवन केवल परमेश्वर से प्रेम करना चाहती हूँ
246केवल सत्य की तलाश ही जीवन ला सकती है
247हे परमेश्वर! मेरा दिल पहले से ही तेरा है
249परमेश्वर ने मुझे बहुत प्रेम दिया है
250परमेश्वर का प्रेम कितना सच्चा है
251परमेश्वर से प्रेम करने का अवसर सँजो लो
252मैं परमेश्वर को अपना सच्चा हृदय अर्पित करता हूँ
253मैं बस इतना चाहूँ कि परमेश्वर को संतुष्टि मिले
254प्रायश्चित्त
256खोये हुए उद्धार को कैसे हासिल करूँ
257परमेश्वर के हृदय को अभी तक सुकून नहीं मिला है
258मैं परमेश्वर से प्रेम करने को संकल्पित हूँ
259मैं हूँ बस एक अदना सृजित प्राणी
260मैं दिल से केवल परमेश्वर से प्रेम करना चाहता हूँ
261मैं अपना पूरा जीवन परमेश्वर को समर्पित करना चाहता हूँ
262मैं इतना कुछ पाता हूँ परमेश्वर की ताड़ना और न्याय से
263न्याय और ताड़ना में देखा मैंने प्रेम परमेश्वर का
264परमेश्वर की ताड़ना और न्याय के बिना नहीं रह सकती मैं
265मैं परमेश्वर के न्याय और ताड़ना के साथ अपना सारा जीवन बिता दूंगा
266परमेश्वर के लिए पतरस का प्रेम
267परमेश्वर का न्याय, मेरे परमेश्वर-प्रेमी हृदय को और भी शुद्ध बनाता है
268परमेश्वर के कार्य को समर्पित होने को मैं हूँ तैयार
269क्रूस पर चढ़ते समय पतरस की प्रार्थना
270परमेश्वर के प्रति निष्ठावान हृदय
272जीने के लिये इंसान के पास सत्य होना चाहिये
273जब तक सत्य न पा लूँ, मैं नहीं रुकूँगा
274इस बात को जान लो कि मसीह चिरकालिक सत्य है
277परमेश्वर का अनुसरण करने के लिए कृत-संकल्प
278अपना मार्ग हमें स्वयं चुनना है
279तेरे द्वारा सृजित, मैं हूँ तेरी
281समय
282परमेश्वर में आस्था की उक्तियाँ
283आखिरकार मैं परमेश्वर से प्रेम कर सकती हूं
284परमेश्वर से प्रेम करने की राह पर आगे बढ़ना
285बिना पश्चाताप के परमेश्वर से प्रेम करने का गीत
286परमेश्वर से प्रेम करने के मार्ग पर निर्भीक रहो
287हम अंत के दिनों के मसीह के गवाह हैं
288परमेश्वर आज भी हमसे प्रेम करता है
289परमेश्वर ने इंसान पर हमेशा निगाह रखी है
291सर्वशक्तिमान परमेश्वर का प्रेम परम निर्मल है
292परमेश्वर के प्रेम ने मेरे दिल को पिघला दिया है
293केवल परमेश्वर ही सर्वश्रेष्ठ है
294तुम्हीं बचा सकते हो मुझे केवल
296परमेश्वर के हृदय से बेहतर नहीं है दिल कोई
297दुखद दुनिया के लिए एक विलाप
298कौन समझता है परमेश्वर की व्यथा?
299परमेश्वर के शुभ समाचार की प्रतीक्षा में
301मैं रखूँगा दिल में तुझे, हमेशा के लिए
302पा नहीं सकते थाह परमेश्वर के कार्यों की